अब तक तेरे पास रहा है
नतीज़तन वो ख़ास रहा है
हिचकी , हिचकी केवल हिचकी
वोआज मौन उपवास रहा है
छुयन का उसकी असर ये देखो
पतझड़ में मधुमास रहा है
मेरा ख्वाब है उसके दिल में
मुझको ये अहसास रहा है
कभी है गहना हया ये उसकी
कभी "अजय" लिबास रहा है
मौलिक व अप्रकाशित
अजय कुमार शर्मा
Comment
pathak ji .....typing mistake ho gaya ...apne sahi pakda ..hai ....chhyan ...nahi yah chhuvan hi hoga ...thanks
pandey sir .......yadi isi rachna ko ...matra badhh kar de badi kripa kar de .....matra gadna kaise kari jaye ....agli baar mai khud koshish karoonga ......pl......
फेलुन फेलुन .. फ़ा पर मिसरों को बाँधिये अजयभाईजी. बहुत ही अच्छी कोशिश हुई है.
बहुत-बहुत बधाई ..
अच्छी रचना के लिए शुभ - कामनाये i
छुयन का उसकी असर ये देखो
पतझड़ में मधुमास रहा है.........बहुत कोमल अहसास
खुबसूरत रचना पर बधाई स्वीकारें आदरणीय अजय जी
आदरणीय अजय भाई , बहुत खूबसूरत रचना हुई है , आपको हार्दिक बधाइयाँ ॥
छुयन का उसकी असर ये देखो
पतझड़ में मधुमास रहा है
मेरा ख्वाब है उसके दिल में
मुझको ये अहसास रहा है.....बहुत सुंदर.
सुन्दर प्रस्तुति भाई अजय जी। .. बधाई /////छुयन??????
कभी है गहना हया ये उसकी
कभी "अजय" लिबास रहा है...सुंदर भावपूर्ण गजल, हार्दिक बधाई आपको
हिचकी , हिचकी केवल हिचकी
वोआज मौन उपवास रहा है ...... बहुत खूब आदरणीय अजय जी .. बधाई आपको सादर
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