For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अपनी साँसें भी मुझे अपनी सी लगती ही नहीं

अपनी साँसे भी मुझे अपनी सी लगती ही नहीं,
बात इतनी सी मगर दिल से ये निकली ही नहीं |

दिल में आतिश है बहुत ये हुस्न बे जलवा नहीं
चाहता हूँ आग उसमें पर वो जलती ही नहीं |

शाम से शब ग़ैर की ज़ुल्फ़ों में जब करने लगे
रात ऐसी जो हुई फिर सुब्ह निकली ही नहीं |

जब तलक थे हमकदम, अपना सफ़र चलता रहा,
दरिया क़तरा जब हुवा, मंज़िल वो मिलती ही नहीं |

इस कदर रोया हूँ मैं आखें भी धुंधला सी गई,
आज कुछ बूँदे भी आँखों से निकलती ही नहीं |  

हर्ष महाजन

.
हर्ष महाजन
"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 1266

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on July 26, 2015 at 11:49am
जनाब हर्ष महाजन जी,आदाब,जनाब मिथिलेश जी ने सही कहा है कि मतले में ईताए जली का दोष है,सानी मिसरा इस तरह कर लें तो यह दोष निकल जाएगा :-

"बात इतनी सी मगर दिल से ये निकली ही नहीं"

"दिल में आतिश है बहुत, हुस्न भी बे-जलवा नहीं,
चाहुं मैं उसमें भी वो आग, पर जलती ही नहीं"

इस शैर को इस तरह कर लें :-

"दिल में आतिश है बहुत ये हुस्न बे जलवा नहीं
चाहता हूँ आग उसमें पर वो जलती ही नहीं"

"गैर की जुल्फों में जब, शाम से शब् करने लगे,
रात ऐसी जो हुई, सुबह फिर निकली ही नहीं"

इस शैर को इस तरह कर लें :-

"शाम से शब ग़ैर की ज़ुल्फ़ों में जब करने लगे
रात ऐसी जो हुई फिर सुब्ह निकली ही नहीं"

"जब तलक थे हमकदम, अपना सफ़र चलता रहा,
दरिया कतरा जो हुआ, मंजिल मिलती ही नहीं"

इस शैर का सानी मिसरा इस तरह कर लें :-

"दरिया क़तरा जब हुवा,मंज़िल वो मिलती ही नहीं"

"इस कदर रोया हूँ मैं, आँखें भी धुंधला सी गई,
आज चंद बूँदें भी आँखों से निकलती ही नहीं"

इस शैर का भी सानी मिसरा इस तरह कर लें :-

"आज कुछ बूँदे भी आँखों से निकलती ही नहीं"

आपकी मंच पर यह पहली ग़ज़ल है जिसका हम स्वागत करते हैं ,इसी तरह प्रयास करते रहें ,बाक़ी शुभ शुभ ।
Comment by Ram Ashery on July 26, 2015 at 10:23am

बहुत सुंदर आपको हृदय से बधाई स्वीकार हो 

Comment by Harash Mahajan on July 26, 2015 at 9:19am

आदरणीय Jatinder Aulakh जी आपको मेरी ये रचना पसंद आई उसके आपका बहुत-बहुत शुक्रिया और धन्यवाद !! उम्मीद है आप आगे भी  हौंसिला अफजाई करते रहेंगे !!

साभार !!

Comment by Harash Mahajan on July 26, 2015 at 9:17am

आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी इस छोटी सी कृति पर आपकी उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए तह-ए-दिल से शुक्रिया और आभार  !! मेरे ब्लॉग पर शामिल करने के लिए मेरी ये पहली रचना है | इस पर इंगित दोष के बारे में आप जैसे गुनीजनों का मार्गदर्शन रहेगा तो सही से कहने  का साहस और  कोशिश ज़रूर करता रहूँगा | इस रचना के बारे में कुछ भी दोष या जानकारी दे सकें तो आभारी रहूँगा | आभार !!

Comment by Jatinder Aulakh on July 26, 2015 at 5:24am
Bahut khoob

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on July 26, 2015 at 12:29am

आदरणीय हर्ष महाजन जी बढ़िया ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई 

काफिया में ईता दोष के सम्बन्ध में गुनीजनों से मार्गदर्शन का निवेदन है. सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
13 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service