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कोई इस तरह न तोड़े सपने (ग़ज़ल)

2122 1122 22

उम्र-भर चुभते हैं बिखरे सपने
कोई इस तरह न तोड़े सपने

टूट जाती है तभी नींद मेरी
जब कभी आते हैं अच्छे सपने

पूरे होने की कोई शर्त नहीं?
पूरे होते नहीं ऐसे सपने

हम हकीकत में यकीं रखते है
हों मुबारक़ तुझे तेरे सपने

वस्ल का वक़्त है नज़दीक बहुत
सुब्ह आते है अब उसके सपने

नींद अब मुझसे ख़फ़ा है, यानी
उसको रास आ गए मेरे सपने

अपनी क़िस्मत में फ़क़त प्यास ही थी
पर थे आँखों में नदी के सपने

देख! है कितना पशेमां, जिसने
नींद की चाह में बेचे सपने

(मौलिक व अप्रकाशित)

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Comment

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Comment by Dr Ashutosh Mishra on February 12, 2017 at 3:17pm

आदरणीय भाई जय्नित जी ..इस रचना के लिए ढेर सारी बधाई स्वीकार करें 

उम्र-भर चुभते हैं बिखरे सपने
कोई इस तरह न तोड़े सपने....सपने बिखरे हो तब भी शायद दुःख की कोई बात नहीं बस टूटे हुए न हों ..जब टूट गया तो बिखरे न बिखरे क्या फर्क पड़ता है जो टूट गया हो जरूरी नहीं बिखरे भी ..उम्र भर चुभते हैं टूटे सपने ...

पूरे होने की कोई शर्त नहीं?
पूरे होते नहीं ऐसे सपने...................पूरे होने की जहाँ शर्त नहीं ..आपकी प्रतिक्रिया से और साफ़ होगा /मेरा सोचना गलत भी हो सकता है 

वस्ल का वक़्त है नज़दीक बहुत
सुब्ह आते है अब उसके सपने.............यह शेर बहुत भाया 

नींद अब मुझसे ख़फ़ा है, यानी
उसको रास आ गए मेरे सपने....गहरी नींद में सपने कम ...सपने ज्यादा तो नींद कम ..सपनो का होना नींद के अस्तित्व पर सवाल ..जो अपने अस्तित्व पर सवाल करे कैसे पसंद आया कृपया मार्गदर्शन करें 

अपनी क़िस्मत में फ़क़त प्यास ही थी
पर थे आँखों में नदी के सपने......ये जरूरी तो नहीं हर सपना पूरा हो .. हम कह सकते हैं शिकायत कर सकते है कि ऐसा क्यूँ  मुकद्दर में था प्यासा रहना ..जब थे आँखों में नदी के सपने ..

देख! है कितना पशेमां, जिसने
नींद की चाह में बेचे सपने.............................................यह शेर भी बेहद भाया 

ये मेरे बिचार है ..यदि सही नहीं होगा तब भी संवाद तो स्थापित करेगा ही जिसके परिणाम स्वरुप सोच को नया आयाम ही मिलेगा ..अन्यथा न लीजियेगा ये बिलकू जरूरी नहीं की मेरे प्रश्न या मशविरे ठीक ही हों ...सादर 

Comment by Samar kabeer on February 12, 2017 at 2:31pm
जनाब जयनित कुमार मेहता जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।

कृपया ध्यान दे...

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