देश पर मुझको है अभिमान
जय गणतंत्र जय संविधान
धर्म निरपेक्ष है देश हमारा
सुंदर प्यारा देश महान ||
हर संस्कृति को करता स्वीकार
अमन चैन में है विश्वास
धर्म-जाति का भेद नहीं
अधिकार दिलाता सबको समान ||
शत्रु को भी मित्र समझता
सबका करता है कल्याण
शरणार्थियों को शरण दिलाता
सबसे बड़ा हिन्द संविधान ||
नर-नारी सब एक समान
हर क्षेत्र में उनका योगदान
सारी दुनियाँ में भारतवासी
रोशन करते देश का नाम ||
महाशक्ति बनने को तैयार खड़ा
रोज बनाता नए मुकाम
एक धर्म और एक ही नारा
सबसे अच्छा हिंदुस्तान ||
अप्रकाशित व मौलिक
Comment
आ. भाई फूलसिंह जी, सादर अभिवादन । अच्छी रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।
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