For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मुखरता से हो रहा बदलाव (आलेख)

मुखरता से हो रहा बदलाव..... और बदल रही तस्वीर...!

विश्व की अन्य महिलाओं की तरह भारत की महिलाओं को आजादी से जीने और अधिकारों का उपयोग कर सर्वांगीण विकास करने के लिए संघर्ष नही करना पड़ा।समय के साथ सकारात्मक बदलाव भी हुये।पुरूषवर्चस्व क्षेत्रों में अपना उपस्थिति दर्ज कराके अपनी आजादी की नई ईबारत लिखती हौसले बुलंद महिलाओं ने देश-विदेश में अपनी सफलता, उपलब्धियों का परचम फहराया। अपने संघर्ष, मेहनत,जज्बा,जुनून से हर सीमाओं को लांघकर कामयाबी हासिल कर नई ऊंचाईयां छूकर प्रेरणा बनी।


परंपरागत से गैरपरंपरागत क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर पुरूषों के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर चलने वाली महिलाओं ने अपनी दकियानूसी छवि को एक नई परिभाषा से गढ़ दिया।पुरूषप्रधान सोच का गुरूर तोड़ा।समाज का मजबूत होता दूसरा स्तंभ अपने कौशल,आत्मविश्वास पर चुनौतियों का सामना कर रही हैं और अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानकर उसे रचनात्मक कार्यों में लगातार सम्मानजनक ओहदा प्राप्त कर रही हैं।समाज में उचित व सकारात्मक स्थिति दिलाने के लिए कई कल्याणकारी उत्थानपरक  कार्यक्रम व योजनाओं को क्रियान्वित की गई और की जा रही हैं। बदलाव की मिशाल कायम की,अपनी सोच को शब्द दे रही,सामाजिक सरोकारों को लेकर आवाज उठा रही,दबी हुई आवाज वाजिब हक दिलाने में प्रेरणास्रोत बन रही,काबलियत के बल पर ऊंचे मुकाम छू रही हैं। व्यवहारिकता और समझदारी से तमाम चुनौतियों का प्रबल इच्छा शक्ति, परिश्रम और संघर्ष करने के जुनून ने पहचान दिलाई।अपने आपके प्रति सकारात्मक सोच कर यानि अपने भावनात्मक विचारों की सफाई की।मनोभावों पर नियंत्रण रखकर अतीत व भविष्य में भटके बिना मनचाहा मुकाम हासिल किया।प्रशस्त पथ पर अग्रसर होती महिलाएं अपनी अहमियत और अस्तित्व कायम रखते हुये अहम् बदलाव ला रही हैं जो सशक्तिकरण की राह में एक बड़ा कदम हैं। महिला साक्षरता के प्रतिशत का बढ़ता ग्राफ लोकतंत्र की सशक्त प्रहरी बन रही हैं। मताधिकार का स्वनिर्णय लेकर सशक्त व जिम्मेदार नागरिक के रूप में मौजूदगी दर्ज करा रही हैं। सजग होकर अत्याचार व शोषण के खिलाफ आवाज उठाती हैं, न्याय के लिए,हक पाने के लिए लड़ती भी हैं।

अपनी सुप्त अन्तर्निहित क्षमता को जाग्रत कर परिस्थितियों के अनुकूल बनने की अपेक्षा अपने अंदर के प्रकाश को जगमगा रही हैं।अंतर्मन की धधक को बुझने नहीं दिया।अपने व्यक्तित्व को गढ़ने वाली आज की नारी ने अपनी उम्मीद व हौसलों को मरने नहीं दिया।रूढ़िवादी सोच से निकल एक यौद्धा की तरह अपनी ताकत का अंदाजा लगाया और पुरूषसत्तात्मक व्यवस्था की गहरी जड़ों को काटकर अपना जज्बा हासिल कर रही हैं। संकीर्ण मानसिकता को दरकिनार करते हुये रूढ़िवादी सोच को पुनर्भाषित कर पुराने मानदंडों को कड़ी चुनौती देकर सफलता के नये पैमाने स्थापित कर रही हैं। जीवन को रेखांकित करते नियमों को तोड़कर खुद को तलाश रही हैं और मुख्य धारा से जुड़कर हौसलों की रोशनी व कामयाबी की महक घर-घर पहुंचा रही हैं।विकासोन्मुखी योजनाओं से लाभान्वित होकर महिलाएं देश के व्यापक हितों के लिए आवाज उठाकर परंपरागत धारा को मोड़ रही।आधी आवादी की पूरक की अहमियत सही समय पर फैसले लेती महिलाओं के सर्वागीर्ण विकास के लिए सुरक्षा और सम्मान देना अभी भी शेष हैं।


हर रोज कितनी सहजता से विभिन्न भूमिकायें निभाती हैं फिर भी उनकी भूमिकाओं को नजरअंदाज किया जाता हैं। जबकि पूरी शिद्दत के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुये वर्चस्वता स्थापित कर नये-नये मुकाम हासिल कर रही हैं। परंपरागत ठर्रे पर चलने वाली स्त्री की छवि उन आसमान की ऊंचाई पर अपनी कामयाबियों की उड़ान भरकर सिद्ध कर रही हैं कि असमानता आड़े नहीं आयेगी बल्कि अपनी अस्तित्वता की छाप छोड़ने पर भी अपनी जमीनी हक की लड़ाई के लिए छटपटा रही हैं।आर्थिक संबल होते हुये भी उन पर पुरूषों का मालिकाना हक बाकी हैं, अभी भी मानसिक संत्रास झेलती नारी अगर डरकर घर बैठ जाती हैं तो सभ्यता  फिर चाहे आई एमएफ की चीफ इकोनोमिस्ट का पद भार संभालने वाली गीता गोपीनाथ ने देश को गर्व करने का मौका दिया हो।पर निर्णायक भूमिका का निर्वहन करने वाली आधी आबादी का एक ओर पक्ष जो काबलियत का कड़वा सच हैं कि महिला-पुरुष बराबरी के मामले में चार पायदान फिसलकर 112 वे स्थान पर आ गया। ग्लोबल जेंडर गेप 2000 की रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक बराबरी में 257 साल लग जाएँगे,शिक्षा,स्वावथ्य ,जीवन रक्षा के प्रतिशत का ग्राफ थोड़ा बढ़ा हैं।राजनीतिक असमानता खत्म होने में 95 साल लग सकते हैं। महिलाओं की निचले सदन में 25.2% और मंत्री पदों पर 21.1%हिस्सेदारी हैं।अंततोगत्वा विश्व की अन्य महिलाओं की तरह भारत की महिलाओं को आजादी से जीने और अधिकारों का उपयोग कर सर्वांगीण विकास करने के लिए संघर्ष नही करना पड़ा।समय के साथ सकारात्मक बदलाव भी हुये।पुरूषवर्चस्व क्षेत्रों में अपना उपस्थिति दर्ज कराके अपनी आजादी की नई ईबारत लिखती हौसले बुलंद महिलाओं ने देश-विदेश में अपनी सफलता, उपलब्धियों का परचम फहराया।


अपने संघर्ष,मेहनत,जज्बा,जुनून से हर सीमाओं को लांघकर कामयाबी हासिल कर नई ऊंचाईयां छूकर प्रेरणा बन रही। हर रोज कितनी सहजता से विभिन्न भूमिकायें निभाती हैं फिर भी उनकी भूमिकाओं को नजरअंदाज किया जाता हैं। जबकि पूरी शिद्दत के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुये वर्चस्वता स्थापित कर नये-नये मुकाम हासिल कर रही हैं। परंपरागत ढर्रे पर चलने वाली स्त्री की छवि उन आसमान की ऊंचाई पर अपनी कामयाबियों की उड़ान भरकर सिद्ध कर रही हैं कि असमानता आड़े नहीं आयेगी। लेकिन अपनी अस्तित्वता की छाप छोड़ने पर भी अपनी जमीनी हक की लड़ाई के लिए छटपटा रही हैं।

विकासोन्मुखी योजनाओं से लाभान्वित होकर महिलाएं देश के व्यापक हितों के लिए आवाज उठाकर परंपरागत धारा को मोड़ रही।आधी आबादी की पूरक की अहमियत सही समय पर फैसले लेती महिलाओं के सर्वागीर्ण विकास के लिए सुरक्षा और सम्मान देना होगा। अपनी सुप्त अन्तर्निहित क्षमता को जाग्रत कर परिस्थितियों के अनुकूल बनने की अपेक्षा अपने अंदर के प्रकाश को जगमगा रही हैं।अंतर्मन की धधक को बुझने नहीं दिया।अपने व्यक्तित्व को गढ़ने वाली आज की नारी ने अपनी उम्मीद व हौसलों को मरने नहीं दिया।रूढ़िवादी सोच से निकल एक यौद्धा की तरह अपनी ताकत का अंदाजा लगाया और पुरूषसत्तात्मक व्यवस्था की गहरी जड़ों को काटकर अपना जज्बा हासिल कर रही हैं। संकीर्ण मानसिकता को दरकिनार करते हुये रूढ़िवादी सोच को पुनर्भाषित कर पुराने मानदंडों को कड़ी चुनौती देकर सफलता के नये पैमाने स्थापित कर रही हैं। जीवन को रेखांकित करते नियमों को तोड़कर खुद को तलाश रही हैं और मुख्य धारा से जुड़कर हौसलों की रोशनी व कामयाबी की महक घर-घर पहुंचा रही हैं।

स्वरचित व अप्रकाशित

Views: 417

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 12, 2021 at 12:19pm

आ. बबीता जी महिला सशक्तीकरण पर समसामयिक जानकारी प्रदान करते इस आलेख के लिए आपका धन्यवाद। आशा है ऐसे आलेख आप मंच पर लाती रहेंगी।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 10, 2021 at 12:05pm

आ . बबीता बहन सादर अभिवादन । अच्छी प्रस्तुति हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Samar kabeer on March 9, 2021 at 6:30pm

मुहतरमा बबीता गुप्ता जी आदाब, सुंदर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदाब 'अर्ज़ है महफ़िल। "
3 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"पाएदारी है कब सियासत में  क्या बुरा है ज़रा बग़ावत में  कुछ मिलेगा नहीं 'अदावत…"
8 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"2122 1212 22 जान फँसती है जब भी आफ़त में बढ़ती हिम्मत है ऐसी हालत में 1 और किसका सहारा होता है…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"सादर अभिवादन आदरणीय कबीर सर जी नमन मंच"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"जिसको देखो वही अदावत मेंकौन खुश है भला सियासत में।१।*घिस गयी जूतियाँ थमीं साँसेंकेस जिसका गया…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"सादर अभिवादन आदरणीय।"
4 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय उस्ताद-ए-मुहतरम साहिब को सादर अभिवादन "
7 hours ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"सबका स्वागत है ।"
8 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . रोटी

दोहा पंचक. . . रोटीसूझ-बूझ ईमान सब, कहने की है बात । क्षुधित उदर के सामने , फीके सब जज्बात ।।मुफलिस…See More
14 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा पंचक - राम नाम
"वाह  आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बहुत ही सुन्दर और सार्थक दोहों का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई…"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Wednesday
दिनेश कुमार posted a blog post

प्रेम की मैं परिभाषा क्या दूँ... दिनेश कुमार ( गीत )

प्रेम की मैं परिभाषा क्या दूँ... दिनेश कुमार( सुधार और इस्लाह की गुज़ारिश के साथ, सुधिजनों के…See More
Wednesday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service