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कोशिश करो   हिम्मत करो 

आगे    बढ़ो    बढ़ते    रहो   आगे बढ़ो... आगे बढ़ो... 

गिरने  के  डर  से मत रुको 

गिर जाओ तो फिर से उठो   आगे बढ़ो... आगे बढ़ो... 

मंज़िल तुम्हें  मिल  जाएगी

क़िस्मत भी ये खुल जाएगी  

मंज़िल के मिलने तक चलो

चलते    रहो    चलते   रहो   आगे बढ़ो... आगे बढ़ो... 

रुकने से कुछ हासिल नहीं

रुक जाए जो कामिल नहीं   

उठते  क़दम  पीछे  न  लो 

पूरा   करो   जो   ठान  लो  आगे बढ़ो... आगे बढ़ो... 

बाधाएँ  भी   सब  आएंँगी 

मुश्किल खड़ी  की जाएंँगी 

बाधाएँ   सारी    तोड़    दो

मुश्किल को  पीछे छोड़ दो   आगे बढ़ो... आगे बढ़ो... 

हक़ तो कभी  झुकता नहीं 

हक़ पर हो जो रुकता नहीं 

हक़ के लिए  हक़  पर डटो

हक़  से  न  तुम  पीछे  हटो  आगे बढ़ो... आगे बढ़ो... 

गर आज तुम रुक जाओगे 

पीछे  ही  बस रह  जाओगे

आगे  बढ़ो  और  झूम  लो

मंज़िल को बढ़कर चूम लो   आगे बढ़ो... आगे बढ़ो... 

"मौलिक व अप्रकाशित" 

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Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on April 3, 2021 at 5:23pm

जनाब श्याम नारायण वर्मा जी आदाब, रचना पर आपकी उपस्थिति, स्नेह और उत्साहवर्धन के लिए आपका शुक्रगुज़ार हूँ।  सादर। 

Comment by Shyam Narain Verma on April 1, 2021 at 6:14pm
नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर और ज्ञान वर्धक, उत्साहवर्धक प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर

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