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लघुकथा

लिपस्टिक  
मैं जैसे ही गेट के पास पहुँची पड़ोसन तुरन्त मेरे पास आ मुँह बनाती हुई बोली
" ये किसे काम पर रख लिया है तुमने "
" चाँदनी नाम है ,उस लड़की का क्यूँ  कुछ हुआ क्या ?" मैंने बात आगे बढ़ाई 
" अरे अभी तो कुछ नही हुआ मगर हो सकता है " उसने फिर अजीब मुँह बना कर कहा
" क्या हो सकता है ? मैंने जिज्ञासा जाहिर की
" कैसे सज संवर कर आती है जींस- टॉप , कुर्ती- पलाज़ो, टॉप नॉट, काजल ,लिपस्टिक " अबकी उसकी भाव भंगिमाओं ने मेरे होंठो पे मुस्कान बिखेर दी
" ओह्ह ,तो ये दिक्कत है " मैंने कहा
" ऐसे वैसी मत समझो टाइम नही लगता इन्हें बाई से मालकिन बनने में " वो बहुत चिंतित स्वर में बोली
" पर ये सब तो बहुत कॉमन चीज़े हैं , अपन भी तो पहनते हैं ये सब "  मेरी बात पर वो और भन्नाई
" तो क्या हमसे बराबरी करेगी " वो फिर उबलती हुई बोली
" अब इसमें बराबरी वाली क्या बात हो गई , ये बात तो लड़कियों  में होती ही है वो हमेशा सुंदर दिखना चाहती हैं ,  पता है कल मेरी चार साल की भतीजी आई थी तो उसने मुझसे कह कह कर अपने सारे नेल्स पर पोलिश लगवाया फिर बोली " बुआ लिपतिक लगाओ " मैं बालसुलभता पर आनन्दित हो मुस्कुराते हुए  नन्ही भतीजी का उदाहरण दे समझाने की कोशिश कर रही थी।
" हँस लो अभी बाद में रोना " वो तमकती हुई बोली
" रोएं मेरे दुश्मन , वैसे भी ये उनका अधिकार है वो चाहे जैसे रहे " अब मैं भी तमकी
" हुँह , अब ये उनके अधिकार भी बतायेंगी , मुझे क्या, बाद में मेरी बात याद करेगी " वो बड़बड़ाती हुई अपने घर को चल दी
मैंने हैंडबैग से दो लिपस्टिक निकाल सामने टेबल पर  लिए रख दी चांदनी के लिए
 ये दोनों शेड चांदनी को बहुत पसंद आते थे जब भी मैं लगाती ।
दीपाली ठाकुर
मौलिक , अप्रकाशित
                                       
     

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Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 1, 2022 at 4:21pm

आ.दीपाली ठाकुर जी, सादर अभिवादन।अच्छी लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।

Comment by Deepalee Thakur on April 26, 2022 at 5:16pm

जनाब समर कबीर जी नमस्कार ,बहुत आभार।

Comment by Samar kabeer on April 26, 2022 at 4:01pm

मुहतरमा दीपाली ठाकुर जी आदाब, अच्छी लघुकथा लिखी आपने, इस प्रस्तुति पर  बधाई स्वीकार करे I 

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