For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चॉकलेट बार (लघुकथा)

चॉकलेट बार
12 अप्रेल , 2015 
आज अम्मा जी पंचतत्व में विलीन हो गई ।
माली के बेटे पुनीत का स्कूल में दाखिला कराया आज से उसकी रुकी हुई पढ़ाई लिखाई का सारा जिम्मा मेरा
मेरी श्रद्धांजलि अम्मा जी को।
25 मई, 2018
आज पुनीत का दसवीं बोर्ड का परिणाम आया प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण 
पुनीत में वही लगन दिखती है ,जो शायद मुझमे आपने देखी थी अम्मा जी ,जो मैं भी न जानता था और अगर आप न होती तब यह होता भी नही शायद...
मई 29 ,2020
आज पुनीत ने बारहवीं बोर्ड में पूरे जिले में 10 स्थान पाया ।
आज आपकी बहुत याद आरही अम्माजी
दीदी ,हाँ दीदी ही तो पुकारता था मैं भी आपको और आपने हंसते हुए मेरे गालों को थपकाते हुए उस दिन कहा था ,"तेरी माँ के लिए दीदी हूँ ,तू क्यों दीदी कहता है, तेरी तो अम्मा जैसी हूँ " और आपके इस स्नेह से मेरे हृदय मे आपका आदर कई गुना बढ़ गया।
 उस दिन से हीआप मेरे लिए "अम्माजी" हो गई ।आपने मेरा दाखिला सरकारी स्कूल में कराया न होता तो ज़िंदगी माइ के साथ उन तमाम घरों में भटकते भटकते ही बीत जाती जहां जहा वो काम किया करती । 
बाकी घरों में मैं माई के निर्देशानुसार एक कोने में दुबका रहता, आपका घर था जहां बड़े अधिकार से रहता।
   उस दिन जब आपने मेरे हफ्ते भर अच्छी तरह पढ़ने पर एक पूरी साबुत चॉकलेट बार दी तब मैं बिल्कुल नही सोच पाया था कि ये क्षण मेरा जीवन बदल देगा , मैं पढता गया पढ़ता गया और अव्वल आने पर एक पूरा डब्बा जिसमे पूरी पच्चीस  नीली पीली चमकती पन्नियों वाली बड़ी बड़ी चॉकलेट थी आपने उपहार में दिया और एक  बात कही "देख गोपाल मेहनत से तू वो पा सकता है जो चाहता है "
 आपके इस जीवन मंत्र के बल पर माई का गोपू  आई ए एस गोपाल यादव हो गया है। जीवन की हर छोटी बड़ी सफलता का श्रेय आपको जाता है अम्माजी ।
 मेरा प्रण है , मेरे जीवन आने वाले हर गोपाल को आपकी तरह चॉकलेट देता रहूंगा।

Views: 658

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Deepalee Thakur on October 14, 2020 at 3:56pm
लक्ष्मण धामी जी बहुत आभार।
Comment by Deepalee Thakur on October 14, 2020 at 3:55pm
कबीर साहब,नमस्कार, उत्साह बढ़ाने के लिए धन्यवाद, टंकण त्रुटियाँ सुधारने का प्रयास करूंगी और नियमानुसार मौलिक व अप्रकाशित लिखने का ध्यान रखूंगी अगली बार,
से उत्साह वर्धक टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार।
Comment by Deepalee Thakur on October 14, 2020 at 3:51pm
आ.जवाहर लाल सिंह जी,लघुकथा पढ़ उस पर टिप्पणी करने के लिए बहुत आभार।
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on October 14, 2020 at 7:43am

आ. दीपाली जी, अभिवादन । सुन्दर लघुकथा हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Samar kabeer on October 13, 2020 at 8:47pm

मुहतरमा दीपाली जी आदाब, लघुकथा का अच्छा प्रयास है,बधाई स्वीकार करें ।

कुछ टंकण त्रुटियाँ दुरुस्त कर लें ।

और हाँ, आपने मंच के नियमानुसार रचना के नीचे मौलिक व अप्रकाशित नहीं लिखा?

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on October 10, 2020 at 2:21pm

आदरणीया दीपाली जी, वास्तव में ऐसे प्रोत्साहन की जरूरत है. आवश्यक प्रोत्साहन और देख रेख के अभाव में अनेकों बच्चे अपने लक्ष्य को नहीं प्राप्त कर पाते! बधाई स्वीकारें 

Comment by Deepalee Thakur on October 7, 2020 at 2:40pm

 लघुकथा पर समय देने और उत्साह वर्धक टिप्पणी के लिए बहुत आभार तेजवीर सिंह जी

Comment by TEJ VEER SINGH on October 7, 2020 at 11:07am

हार्दिक बधाई आदरणीय दीपाली जी।बेहतरीन संदेश प्रद लघुकथा।समाज में ऐसी ही जागरूकता की आवश्यकता है।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह .. वाह वाह ...  आदरणीय अशोक भाईजी, आपके प्रयास और प्रस्तुति पर मन वस्तुतः झूम जाता…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाई जी, आयोजन में आपकी किसी रचना का एक अरसे बाद आना सुखकर है.  प्रदत्त चित्र…"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"अंतिम दो पदों में तुकांंत सुधार के साथ  _____ निवृत सेवा से हुए, अब निराली नौकरी,बाऊजी को चैन…"
4 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी _____ निवृत सेवा से हुए अब निराली नौकरी,बाऊजी को चैन से न बैठने दें पोतियाँ माँगतीं…"
6 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी * दादा जी  के संग  तो उमंग  और   खुशियाँ  हैं, किस्से…"
17 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी छंद ++++++++++++++++++   देवों की है कर्म भूमि, भारत है धर्म भूमि, शिक्षा अपनी…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"आदरणीय जी सृजन पर आपके मार्गदर्शन का दिल से आभार । सर आपसे अनुरोध है कि जिन भरती शब्दों का आपने…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को मान देने एवं समीक्षा का दिल से आभार । मार्गदर्शन का दिल से…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Tuesday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service