डर से जिनके थर्र-थर्र कांपे
जो मुगलों की नींव हिला बैठे
हमला करेंगे कब-कहाँ शिवाजी, नींद, उनकी उड़ा बैठे|
जीजा-शाहजी के पुत्र प्यारे
माँ शिवाई के उपासक थे
माता के नाम से शमशीर पास में, नाम उन्हीं से पाये थे|
हृदय सम्राट कहते थे उनको
काम जनता भलाई के करते थे
अष्ट प्रधान दरबार विराजे, जो मंत्रीपरिषद के सदस्य थे|
नारी का सम्मान हमेशा
नारी हिंसा-उत्पीड़न के विरोधक थे
जात-पात का भेद न मन में, सबसे उचित व्यवहार ही करते थे|
प्रशानिक शिक्षा कोंडदेव से पाई
रामदास आध्यात्मिक गुरु कहलाते थे
सिंहासन पर रख गुरु चरण पादुका, फिर चरणों में शीश झुकाते थे|
गुरु नाम के सिक्के चलाये
नौ सेना के जनक कहलाते थे
युद्ध कलाओं में महारत हासिल, पेशेवर सेना रखते थे|
गुरिल्ला युद्ध के जन्मदाता
सत्ता, रायगढ़ पर रखते थे
निंबालकर के पति-परमेशर, संभाजी महाराज के पिताश्री थे ।
पुना दुर्ग पर कब्जा जमाया
मराठा साम्राज्य की नींव रखे थे
अफजल को भी मार गिराया, रामनगर तक राज्य बढ़ाये थे|
सिद्धी जौहर ने कैदी बनाए
दुर्ग पन्हाला में रखे थे
छल गए उनको नहावी बैठाकर, जो उन्हे जीतने का सपना रखते थे|
औरंगजेब से लोहा लिये
नाक में दम कर रखे थे
कल्याणी प्रदेशों को जीता उन्होने, अदम्य साहस जो रखते थे|
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