अपने बच्चों की दुनियाँ को कुम्हलाने मत देना
बच्चे यदि पापा से मिलने को मचलें ,तो उन्हें ,
समन्दर की लहरें दिखा लाना ,
बगीचे में जाकर फूलों की खुशबू सुंघा लाना |
क्या हुआ जो एक जिन्दगी ने
'अपने अनगिनत बसंत देश के नाम लिख दिए ?
लोग पतंगों की मानिंद जी कर ,
इस दुनियाँ से विदा हो जाते हैं ,
तुम फक्र करना की तुम्हारे पति ने अपना चोला
बसंती रंग लिया,
देश के लिए अपनी जां निसार कर गया .|
इतिहास अपने वतन के इन शहीदों की मिसाल को ,
अपने पन्नों पर ,सुनहरे रंग की छटा से
सराबोर रखेगा, शहादत के नाम पर |
मैं समझ सकती हूँ ,जिंदगी भुलावे में नहीं जी जा सकती
मैं समझ सकती हूँ जिंदगी छलावे में नहीं जी जा सकती
लेकिन, हिम्मत से काम लेना ,
तुम उस देश की मिटटी में जन्मी हो ,जहां
हर पल -हर क्षण ,एक माता ,शहीद को जन्म देती है |
ये राजस्थान ,ये पंजाब ,ये महाराष्ट्र ,
ये सारे हिंदुस्तान की धरती हे ,
जो शहीदों की शहादत की कहानी कहती है |
स्वयं आँसू पी लेना
नाज करना अपने शहीद की पत्नी होने पर
गरल पीने वाले ही शिवशंकर बनाते हैं |
मत समझना इन्हें शब्दों की कोरी सहानुभूति
ये है एक नहीं, अनेक संवेदनशील
भारतवासियों की, गौरवांजली |
शहीद की शहादत की सुगंध ,
इस देश की
ये बासंती हवाएं पहुंचाएंगी ,सरहद के पार
जहाँ कोई, उस वतन की तुम्हारी सखी सहेली ,
कोई माँ ,तुम्हारे ही जैसी पीड़ा झेल रही होगी ,
शायद, शायद वो अपने कोख के बच्चे को कहे ,
अमन चैन का रास्ता चुनना
किसी माँ की कोख सूनी मत करना ,
किसी पत्नी का सुहाग मत उजाड़ना
हो सके तो ,किसी बेटे को
माँ की बूढ़ी पथरायी आँखों से मिला देना
किसी पत्नी की माँग को सुरमई रंग दे देना
पापा को उनकी नन्ही कलियों और कोंपलों से मिला देना
भाई को बहिन की रंगीन राखियों से |
ये भारत देश है ,
यहाँ कोई सीता अग्नि-परीक्षा से नहीं डरती ,और
कोई शहीद की विधवा "राष्ट्र धर्म" निभाने से पीछे नहीं हटती |
अपने मन को मुर्झाने मत देना
अपने बच्चों की दुनियाँ को कुम्हलाने मत देना
बच्चे यदि पापा से मिलने को मचलें ,तो उन्हें ,
समन्दर की लहरें दिखा लाना ,
बगीचे में जाकर फूलों की खुशबू सुंघा लाना |
क्या हुआ जो एक जिन्दगी ने
'अपने अनगिनत बसंत देश के नाम लिख दिए ?
लोग पतंगों की मानिंद जी कर ,
इस दुनियाँ से विदा हो जाते हैं ,
तुम फक्र करना की तुम्हारे पति ने अपना चोला
बसंती रंग लिया,
देश के लिए अपनी जां निसार कर गया .|
इतिहास अपने वतन के इन शहीदों की मिसाल को ,
अपने पन्नों पर ,सुनहरे रंग की छटा से
सराबोर रखेगा, शहादत के नाम पर |
मैं समझ सकती हूँ ,जिंदगी भुलावे में नहीं जी जा सकती
मैं समझ सकती हूँ जिंदगी छलावे में नहीं जी जा सकती
लेकिन, हिम्मत से काम लेना ,
तुम उस देश की मिटटी में जन्मी हो ,जहां
हर पल -हर क्षण ,एक माता ,शहीद को जन्म देती है |
ये राजस्थान ,ये पंजाब ,ये महाराष्ट्र ,
ये सारे हिंदुस्तान की धरती हे ,
जो शहीदों की शहादत की कहानी कहती है |
स्वयं आँसू पी लेना
नाज करना अपने शहीद की पत्नी होने पर
गरल पीने वाले ही शिवशंकर बनाते हैं |
मत समझना इन्हें शब्दों की कोरी सहानुभूति
ये है एक नहीं, अनेक संवेदनशील
भारतवासियों की, गौरवांजली |
शहीद की शहादत की सुगंध ,
इस देश की
ये बासंती हवाएं पहुंचाएंगी ,सरहद के पार
जहाँ कोई, उस वतन की तुम्हारी सखी सहेली ,
कोई माँ ,तुम्हारे ही जैसी पीड़ा झेल रही होगी ,
शायद, शायद वो अपने कोख के बच्चे को कहे ,
अमन चैन का रास्ता चुनना
किसी माँ की कोख सूनी मत करना ,
किसी पत्नी का सुहाग मत उजाड़ना
हो सके तो ,किसी बेटे को
माँ की बूढ़ी पथरायी आँखों से मिला देना
किसी पत्नी की माँग को सुरमई रंग दे देना
पापा को उनकी नन्ही कलियों और कोंपलों से मिला देना
भाई को बहिन की रंगीन राखियों से |
ये भारत देश है ,
यहाँ कोई सीता अग्नि-परीक्षा से नहीं डरती ,और
कोई शहीद की विधवा "राष्ट्र धर्म" निभाने से पीछे नहीं हटती |
Comment
इस भावपूर्ण कविता पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें.
मोहिनी जी, बेहद मार्मिक रचना बन पड़ी है, भावनाओं की बेहतरीन अभिव्यक्ति , बधाई कुबूल कीजिये |
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