मौसम आया लुभावना मनभावना
चलो सखी झूला झूलें |
झूला झुलाने सखी पी मेरे आये
तन मन हुआ लुभावना
चलो सखी झूला झूलें |
पड़ रही फुहारें सावन की
सावन की मन भावन की
मौसम बड़ा सुहावना
चलो सखी झूला झूलें |
मेघा गरजे रिमझिम बरसे
बिजली हिय में कोंधे
कोयल कूक लगावना
चलो सखी झूला झूलें |
धानी चूनर ओढ ली सखी
साजन के रंग में रंगी
प्रियतम प्रीत लुटावना
मन्द- मन्द मुस्कावना
चलो सखी झूला झूलें |
मोहिनी चोरडिया
Comment
गीत के लिये बधाई.
मेघा गरजे रिमझिम बरसे
बिजली हिय में कोंधे
कोयल कूक लगावना
चलो सखी झूला झूलें |
बहुत ही खुबसूरत गीत, पारंपरिक बिम्बों का प्रयोग बढ़िया लगा , बधाई आपको |
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