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उनके आदर्शो को याद कर ,

उनके आदर्शो को याद कर ,

आइये हम सब मिलकर ,
झूठ ही सही जीवन में उतर लें ,
आज शिक्षक दिवस मना लें ,
ये औपचारिकता ही सही पर ,
वाह-वाही उठाले एक गोष्टी कर ,
उनके आदर्शो को याद कर ,
आइये हम सब मिलकर , 
.
आज सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिन ,
उनके आदर्श व आचरण पे चर्चा के दिन ,
आज के शिक्षक जो लगे हैं ,
पैसे के लिए आदर्श में नंगे हैं ,
आचरण उनकी देख समझकर ,
बच्चे भला समझते दूर रहकर , 
उनके आदर्शो को याद कर ,
आइये हम सब मिलकर , 

 

.
गुरु की गरिमा धूमिल करते ,
छात्र - छात्राओ को ये कहते ,
कभी शारीरिक कभी मानसिक ,
मिटा रहे ये धरातल वास्तविक ,
ये नीचता को आदर्श बनाकर ,
इनके अन्दर का शैतान मिटाकर ,
उनके आदर्शो को याद कर ,
आइये हम सब मिलकर , 

 

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Comment

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Comment by Rash Bihari Ravi on January 3, 2012 at 2:58pm

dhanyavad rajesh ji

Comment by Rajesh Kumar Singh on January 3, 2012 at 2:42pm

Ati sunder rachna !

Comment by Rash Bihari Ravi on September 6, 2011 at 3:21pm

dhanyabad amrbarish ji vinas ji satish ji awam sunil ji 

Comment by sunil kumar singh on September 6, 2011 at 1:56pm
bahut sunder guru jee lagal rahin.
Comment by satish mapatpuri on September 6, 2011 at 1:44am

शिक्षक -दिवस को हम उन शिक्षकों को नमन करते हैं जो धर्म -कर्म से शिक्षक हैं--------------

गुरु- गोविन्द दोउ खड़े, काके  लागे पाँय.
बलिहारी गुरु आपने ,  दीन्ह गोविन्द बताय.
जय हो गुरूजी ......... बधाई हो.

 

Comment by वीनस केसरी on September 5, 2011 at 11:55pm

वाह रवि जी

आपकी रचना शिक्षा में आज के माहौल और वातावरण को भी बहुत खूसूरती से प्रस्तुत कर रही है

पढ़ कर अच्छा लगा

Comment by Er. Ambarish Srivastava on September 5, 2011 at 11:13pm

भाई आशीष जी आपने भी सत्य ही कहा है !

Comment by Rash Bihari Ravi on September 5, 2011 at 4:44pm

dhanyabad ashishi ji

Comment by आशीष यादव on September 5, 2011 at 3:52pm

आज शिक्षा का ट्रेंड कुछ बदल सा गया है| आज शिक्षा एक व्यवसाय बनकर रह गया है| किताबी ज्ञानों के अलावा नैतिकता का पाठ पढ़ने वाले शिक्षक बहुत कम मात्र में बचें है| इसका मुख्य कारण कोचिंग ट्यूशन भी हो सकता है| फिर भी गुरु तो गुरु ही है| आज के दिन इसी गोष्टी के बहाने श्रेष्ठ गुरु के आदर्शों को सीख सकते हैं और याद कर सकते है|
शिक्षक दिवस पर रचना के लिए बधाई गुरु जी|

Comment by Rash Bihari Ravi on September 5, 2011 at 3:12pm

sabse pahle aapko dhanyabad

aapki bat saty hain ambarish ji lekin ek machhali pure talab ko ganda kar deti hain waise hi kuch muthi bhar nich guru guruo pe bhari pad gaye hain ,

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