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सिहर जाता हूँ, ऐसा बोलता है - ग़ज़ल : वीनस केशरी

एक नई ग़ज़ल पेश -ए- खिदमत है, मुलाहिजा फरमाए

 


सिहर जाता हूँ, ऐसा बोलता है
वो बस मीठा ही मीठा बोलता है

समय के सुर में बोलेगा वो इक दिन 
अभी तो उसका लहज़ा बोलता है

ये उसकी तिश्नगी * है या तिज़ारत**
वो मुझ जैसे को दरिया बोलता है

उसे खुद ही नहीं मालूम होता
नशे में मुझसे क्या क्या बोलता है

वो  सब कुछ जानता है और फिर भी
अँधेरे को उजाला बोलता है

पुरानी बात है, सब जानते हैं
 नया मुर्गा  ही ज्यादा बोलता है

मेरी माँ आजकल खुश हैं इसी मे
अदब वालों में बेटा बोलता है
-------------------------------------------
*     तिश्नगी   = प्यास
** तिज़ारत = व्यापार

बह्र ए हजज मुसद्दस मह्जूफ़

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Comment

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Comment by Samar Sharma on March 14, 2013 at 11:25am
मेरी माँ आजकल खुश हैं इसी मे
अदब वालों में बेटा बोलता है
Comment by वीनस केसरी on November 11, 2012 at 10:56pm

डॉ. बाली जी
शुक्रिया 

Comment by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on May 16, 2012 at 4:16pm

वीनस जी बहुत उम्दा ग़ज़ल। कमाल के शेर निकले हैं आपने ! दाद कबूल करें !

Comment by वीनस केसरी on March 20, 2012 at 10:48pm

राकेश जी, संदीप जी और महिमा जी इस उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद

Comment by MAHIMA SHREE on March 13, 2012 at 4:33pm
वीनस जी नमस्कार...
क्या बात है....
सिहर जाता हूँ, ऐसा बोलता है
वो बस मीठा ही मीठा बोलता है....

बहुत बधाई...सरल सहज गजल के लिए....
Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on March 1, 2012 at 12:32pm

क्या बात है वीनस जी| ख़ूबसूरत भावों की पेशगी| बहुत ख़ूब!!

Comment by राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी' on March 1, 2012 at 12:15pm

bahut khub veenas ji,

मेरी माँ आजकल खुश हैं इसी मे
अदब वालों में बेटा बोलता है
badhai.
Comment by वीनस केसरी on October 23, 2011 at 1:00am

सौरभ जी, विवेक जी, आशीष जी, अरुण जी दिलबाग जी
ग़ज़ल  को पसंद करने के लिए और उत्साह वर्धन के लिए धन्यवाद

Comment by dilbag virk on October 22, 2011 at 9:07pm

ये उसकी तिश्नगी * है या तिज़ारत**
वो मुझ जैसे को दरिया बोलता है
बहुत खूब

Comment by Abhinav Arun on October 22, 2011 at 4:04pm
 वाह वीनस जी बहुत सादगी से गहरी बातें कहती ग़ज़ल कहने के लिए हार्दिक बधाई !!
दो शेर बहुत सटीक बन पड़े हैं जिनका असर बा - कमाल है ...
पुरानी बात है, सब जानते हैं
 नया मुर्गा  ही ज्यादा बोलता है
दिल से बस निकलती है .. वाह वाह !!
और निम्न शेर ने तो .... क्या कहने इसके ...
मेरी माँ आजकल खुश हैं इसी मे
अदब वालों में बेटा बोलता है
 दिल से निकली दुआ है बेटा दूर तक जाएगा आमीन !!

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