For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल :- झूठ जब भी सर उठाये वार होना चाहिए

ग़ज़ल :-  झूठ जब भी सर उठाये वार होना चाहिए
 
झूठ जब भी सर उठाये वार होना चाहिए ,
सच को सिंहासन पे ही हर बार होना चाहिए |
  
बात की गांठें ज़रा ढीली ही रहने दो मियाँ ,
हो किला मज़बूत लेकिन द्वार होना चाहिए |
 
फ़िक्र ऐसी हो कि हम फाके में भी सुलतान हों ,
क्या ज़रूरी है  कि बंगला - कार होना चहिये |
 
मैं कि दुनिया से मिलूँ कैफ़ी और साहिर की तरह ,
पास तुम आओ तो  मन गुलज़ार होना चाहिए |
 
घर से शाला तक मेरा बचपन कहीं गुम हो गया ,
जी करे हर रोज़ ही इतवार होना चाहिए |
 
साफ़गोई है तो दिल चेहरे से झांकेगा ज़रूर ,
आदमी लिपटा हुआ अखबार होना चाहिए |
 
मुल्क की खातिर फकत झंडे न फहराएँ हुजूर ,
इश्क है तो इश्क का इज़हार होना चाहिए |
 
                              - अभिनव अरुण [05102011]
 
 
 
 
 
 
 
 

Views: 516

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abhinav Arun on October 14, 2011 at 6:53pm
vivek ji apki tippani ka shukriya.
Comment by विवेक मिश्र on October 14, 2011 at 7:53am

/मैं कि दुनिया से मिलूँ कैफ़ी और साहिर की तरह ,

पास तुम आओ तो मन गुलज़ार होना चाहिए /

अरुण जी! वैसे तो सारे अश'आर ही उच्च कोटि के हैं. पर ऊपर कोट किया हुआ शे'र और इसमें निहित कोमल सी इच्छा ने तो बस दिल छू लिया. ईश्वर, आपकी लेखनी को इसी तरह धार प्रदान करता रहे. ढेरों बधाईयाँ.

Comment by Abhinav Arun on October 10, 2011 at 11:48am

हार्दिक आभार श्री श्यामल जी आपकी टिप्पणी मेरा उत्साह बढ़ने वाली है !!

Comment by Shyam Bihari Shyamal on October 10, 2011 at 7:05am

मैं कि दुनिया से मिलूँ कैफ़ी और साहिर की तरह ,
पास तुम आओ तो  मन गुलज़ार होना चाहिए |
 
घर से शाला तक मेरा बचपन कहीं गुम हो गया ,
जी करे हर रोज़ ही इतवार होना चाहिए |
 
साफ़गोई है तो दिल चेहरे से झांकेगा ज़रूर ,
आदमी लिपटा हुआ अखबार होना चाहिए |
... वाह... दिल को छूने वाले शेर... बधाई मित्रवर अरुण अभिनव जी... 

Comment by Abhinav Arun on October 8, 2011 at 4:45pm
THANKS SIYA JI.
Comment by siyasachdev on October 8, 2011 at 11:44am

मैं कि दुनिया से मिलूँ कैफ़ी और साहिर की तरह ,
पास तुम आओ तो  मन गुलज़ार होना चाहिए |
 
घर से शाला तक मेरा बचपन कहीं गुम हो गया ,
जी करे हर रोज़ ही इतवार होना चाहिए |
 
साफ़गोई है तो दिल चेहरे से झांकेगा ज़रूर ,
आदमी लिपटा हुआ अखबार होना चाहिए | wah bahut khoob umda sher behtareen ghazal 

Comment by Abhinav Arun on October 6, 2011 at 8:36pm

आभार आदरणीया मोहिनी जी !!

Comment by mohinichordia on October 6, 2011 at 8:22pm

पहली दो  और अंतिम दो पंक्तियों ने मन  को हिला दिया | बधाई अभिनव अरुण जी \

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागत है"
6 hours ago
Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
Thursday
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
Wednesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Apr 14

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Apr 13

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Apr 13

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service