आपको और आपके परिवार को रंगों के त्यौहार होली की हार्दिक शुभकामनाएं
हम खुशनसीब है कि जिंदगी ने हमको अपने गिले-शिकवे दूर करने का एक और मौका दिया है। माना जाता है कि रंगो की होली में गिले-शिकवे बह जाते है। भले ही दिखावे के लिए ही सही, लोग एक-दूसरे के गले मिलकर होली की बधाई के साथ-साथ अपने को पाक-साफ बताते है, तो इसमें क्या बुरा है। आखिर होली का मकसद ही है बैर-भाव भुला कर प्यार से एक-दूसरे के गले लग जाना। वैसे भी दिखावे का जमाना है, तो दिखाने के लिए ही सही, कुछ बुराई तो कम होगी ही हमारे मन से। कुछ तो मन हल्का होगा। यह सच बात है कि हमारे दिल में सालों से घर बनाए बैठी दुश्मनी या बुराई होली पर सिर्फ एक बार गले मिलने से दूर नहीं हो सकती है। लेकिन छोटी-छोटी नाराजगी तो दूर हो ही सकती है। जब छोटी-छोटी नाराजगी दूर होना शुरू होती है तो बड़ी-बड़ी दुश्मनी के खत्म होने का रास्ता दिखने लगता है। दूसरों के गले मिलते हुए इतना तो ध्यान रखना ही होगा कि शब्दों की मिठास के बीच दिल में कालिख लिए कोई बेवकूफ न बना दें। एक मजेदार बात यह है कि होली के रंग हमारे लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति भी खड़ी कर देते है कि रंग-बिरंगे, काले-पीले चेहरों के बीच ही हमको अपनो की तलाशना पड़ता है। वो अपने जो हमको जिंदगी के खुशनुमा रास्तों पर चलने के लिए प्रेरित करते है। जिनके प्यार की रोशनी में हम कदम-दर-कदम अपने जीवन सफर पर चलते रहते है। यूं तो हर शख्स अपने चेहरे पर मुखौटा लगाकर हमको अपना बताता है, यह हमारी काबिलियत है कि हम उसको पहचान पाते है या फिर उसके धोखे में आ जाते है। बस यही कामना है कि मेरी भी कुछ बुराई अपने साथ बहा ले जाए इस बार रंगों की होली।
एक बार पुनः आपको और आपके परिवार को रंगों के त्यौहार होली की हार्दिक शुभकामनाएं।
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यूं तो हर शख्स अपने चेहरे पर मुखौटा लगाकर हमको अपना बताता है, यह हमारी काबिलियत है कि हम उसको पहचान पाते है या फिर उसके धोखे में आ जाते है। बस यही कामना है कि मेरी भी कुछ बुराई अपने साथ बहा ले जाए इस बार रंगों की होली।
बहुत सुंदर विचार रखे है, आदरणीय हरीश जी, बधाई, शुभ होली.
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