For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरी बात को सुन लड़की,
कुछ सपने मत बुन लड़की
सपनो को लगेगा घुन लड़की
मेरी बात को सुन लड़की...

मेरी बात मान लड़की
कुचल अपने अरमान लड़की
राक्षशों को पहचान लड़की
मेरी बात मान लड़की...

मत कर तू प्यार लड़की
ऐतराज़ करेगी 'तलवार' लड़की
बहुत तेज़ है धार लड़की
मत कर तू प्यार लड़की...

चीरती है सब जहां की ख़ामोशी
कौन समझ रहा माँ की ख़ामोशी
ठन्डे पड़े जिस्मोजां की ख़ामोशी
चीरती है सब जहां की ख़ामोशी

मेरी बात को सुन लड़की,
कुछ सपने मत बुन लड़की
.........X.........

© AjAy Kum@r

Views: 424

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by AjAy Kumar Bohat on May 15, 2012 at 2:25pm

Aadarniye Abhinav ji evam Shri Baagi ji ka shukriya, aapse Gyani jab hausla-afzahi karte hain to aur achchha likhne ki prerna milti hai....


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 15, 2012 at 9:10am

अजय जी बहुत ही गहरा छाप छोड़ती हुई रचना, कही ना कही आँख खोलने वाली कृति है बधाई आपको |

Comment by Abhinav Arun on May 14, 2012 at 11:09am

मेरी बात को सुन लड़की,
कुछ सपने मत बुन लड़की

बहुत  कुछ कहती ये पंक्तियाँ हार्दिक साधुवाद की पात्र हैं श्री अजय जी !!हार्दिक बधाई !!1

Comment by AjAy Kumar Bohat on May 14, 2012 at 10:40am

Shukriya Bhramar ji....

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 13, 2012 at 10:46pm

चीरती है सब जहां की ख़ामोशी
कौन समझ रहा माँ की ख़ामोशी
ठन्डे पड़े जिस्मोजां की ख़ामोशी
चीरती है सब जहां की ख़ामोशी

अच्छा है ..अब तो किताब के जरिये राज खुल जाए ..कुछ भी होता है आवेश में ...काल चक्र .....भ्रमर ५ 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor updated their profile
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, पोस्ट पर आने और सुझाव के लिए बहुत बहुत आभर।"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service