हे अभी.
आपकी बहुत याद आ रही है दिल बार-बार सोच रहा है क्या करूँ .आपके बारे में तरह -तरह के ख्याल दिल में आ रहे है ! सोचता हूँ की येसा कैसे हो सकता है की जो इंसान एक दुसरे के देखे बगैर उसे कभी चैन नहीं पड़ता था,बगैर बाते किये खाने का एक निवाला नहीं लेता था आज ओ इस तरह भूला कैसे दिया ,आखिर उसका दिल भी तो भगवान् ने ही बनाया होगा !
हे अभी.
जो बीत गया ओ कल और जो आज चल रहा है ऐ तो आप अपनी ख़ुशी के खातिर अपनी सुख सुबिधाओ के लिए आप जी रहे हो ! आप ने अपने प्यार और वफा को तो आप अपने पैरो तले कुचल ही दिए हो लेकिन उसका क्या जो आनेवाला कल है जो आप को ठेरों सारे सवाल लिए हुए खडा है ! क्या आप वहां भी वफ़ा के पाठ पठा के बेवफाई करोगे , आप इतने बेपरवाह तो नहीं थे की आने वाले कल की परवाह ना करो !
हे अभी. कभी-कभी मुझे येसा लगता है की आप जो कुछ किये अक्षा किये ,क्यूंकि ये दुनिया की रीती बनती जा रही है और बहुत से लड़कियों का पेसा और मजबूरी हो गयी है ! कोई यैसे इंसान के साथ मोहब्बत क्यूँ निभाये जहां उसके अपने सपने पुरे ना हो सके उसे उसकी मंजिल का पता ना हो, ओ अलग बात थी की पहले प्रेमी-प्रेमिकाए एक दुसरे के आँखों के सपने को अपना सपना समझते थे ! और उन्हें मंजिल की परवाह न होती थी ,तब प्यार को दिल की गहराई में उतर कर मापा जाता था, आज प्यार दौलत के तराजू में मापते है ! अगर आज किसी के पास धन-दौलत है तो ना जाने कितनी प्रेमिकाए -हसिनाये उसके ऊपर जाँ -निसार कर देगी,अगर आप के जीवन में शनि,राहू,केतु. भारी है ! तो कभी कोई लड़की आपसे प्यार की वफादारी नहीं निभा सकती चाहे उसे आप किताना क्यूँ न चाहो ,चाहे आप उसके लिए अपने बदन के रक्त-की एक-एक बूंद निकाल उसके बदन को समर्पित कर दो उसे उस त्याग की तनिक मात्र भी परवाह ना होगी ! क्यूँ की उन्हें चाहिए होता है ! बाहर का दिखावा -चमक-धमक येसो -आराम- जो मै दे न सका.आज भी मेरे पास कुछ भी नहीं .हे अभी इस हृदय में आज भी आप के बिछड़ने का दर्द,और आपके गमो की रोशनी में ताप रहा है ! ऐ तो सच है की ऐ ख़त्म तभी होगा जब मै ख़त्म होऊंगा ! हमें आप से कभी कोई सिकायत ना थी.ना है,और ना रहेगी !!!!!!
हमें सिकायत है तो बस ऐ जिंदगी देने वाले से की उसने सब कुछ देके मुझसे छीन क्यूँ लिए…. !!!!!!!!!!!!!!
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