For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आँखों से अश्कों को सूखने ना दीजिएगा इसे और गिरने दो
इस दर्द को और न रोको इसे और होने दो !
आखिरी मोड़ मेरे इंतज़ार में बाहें फैलाये है
उस सुकून भरी काली रात को अब आने भी दो !!

याद कभी मरेगी नहीं भले हो जाओ कितना भी दूर
ढूंढने दो जरा पता उनका थक के जब ना हो जाऊं चूर
है तुमसे बस इतनी ही दुवा करना मेरे लिए
की अपनी याद़ों को मेरे दिल से कभी जाने ना दो !!

Views: 501

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PHOOL SINGH on November 12, 2012 at 1:25pm

राजेंद्र जी प्रणाम.......

सुंदर अतिसुंदर भावपूर्ण रचना  ......"सपरिवार सहित आपको शुभ दीपावली"

फूल सिंह

Comment by Sanjay Rajendraprasad Yadav on August 13, 2012 at 12:25pm

संजय सिंह जी .............!!
आप का बहुत-बहुत धन्यवाद....!!

Comment by Sanjay Kumar Singh on August 12, 2012 at 5:16pm

pryas badhiya hai, hardik badhai.

Comment by Sanjay Rajendraprasad Yadav on August 12, 2012 at 1:55pm

अरविन्द जी .........आप का बहुत-बहुत धन्यवाद....!!

Comment by Sanjay Rajendraprasad Yadav on August 12, 2012 at 1:54pm

गणेश सर जी......... आपके हम आभारी है !!! आप का बहुत-बहुत धन्यवाद....!!

Comment by Sanjay Rajendraprasad Yadav on August 12, 2012 at 1:52pm

सौरभ सर जी....!!
आपके सुझाव के लिए आप का आभारी हूँ...!!!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 12, 2012 at 1:08pm

भाई, थोड़ा और प्रयास करें. इस रचना में अभी बहुत विसंगतियाँ हैं.

आप लिखने के साथ अन्य रचनाओं को पढ़े भी तो. और पढ़ते हैं तो उनपर अपनी प्रतिक्रिया भी दें ताकि पता चले आप रचना विशेष में क्या समझ पाये. तब आप यदि रचनारत होंगे तो आपको भी अंतर महसूस होगा. यह मेरा हार्दिक निवेदन है. अब मानना न मानना आपका निर्णय.

हार्दिक धन्यवाद.

Comment by ARVIND KUMAR TIWARI on August 11, 2012 at 6:31pm

संवेदना से ओतप्रोत रचना पर हार्दिक बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"शुक्रिया आदरणीय। कसावट हमेशा आवश्यक नहीं। अनावश्यक अथवा दोहराए गए शब्द या भाव या वाक्य या वाक्यांश…"
1 hour ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी।"
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"परिवार के विघटन  उसके कारणों और परिणामों पर आपकी कलम अच्छी चली है आदरणीया रक्षित सिंह जी…"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन।सुंदर और समसामयिक लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। प्रदत्त विषय को एक दिलचस्प आयाम देते हुए इस उम्दा कथानक और रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया…"
7 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदरणीय शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। शीर्षक लिखना भूल गया जिसके लिए…"
8 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"समय _____ "बिना हाथ पाँव धोये अन्दर मत आना। पानी साबुन सब रखा है बाहर और फिर नहा…"
9 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक स्वागत मुहतरम जनाब दयाराम मेठानी साहिब। विषयांतर्गत बढ़िया उम्दा और भावपूर्ण प्रेरक रचना।…"
13 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
" जय/पराजय कालेज के वार्षिकोत्सव के अवसर पर अनेक खेलकूद प्रतियोगिताओं एवं साहित्यिक…"
14 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हाइमन कमीशन (लघुकथा) : रात का समय था। हर रोज़ की तरह प्रतिज्ञा अपने कमरे की एक दीवार के…"
14 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आदरणीय विभारानी श्रीवास्तव जी। विषयांतर्गत बढ़िया समसामयिक रचना।"
15 hours ago
vibha rani shrivastava replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
""ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123विषय : जय/पराजय आषाढ़ का एक दिन “बुधौल लाने के…"
21 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service