For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

घनाक्षरी :

शीश हिमगिरि बना, पांव धोए सिंधु घना,

माँ ने सदा वीर जना, देश को प्रणाम है |

ब्रम्हचर्य जहाँ कसे, आर्यावर्त कहें इसे,

चार धाम जहाँ बसे, देश को प्रणाम है |

वाणी में है रस भरा, शस्य श्यामला जो धरा,

ऋतु रंग हरा-भरा, देश को प्रणाम है |

गंगा-यमुना हैं जहाँ, नर्मदा का नेह वहाँ,

पूजें कोटि देव यहाँ, देश को प्रणाम है ||

--अम्बरीष श्रीवास्तव

Views: 728

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 28, 2012 at 3:58pm

धन्यवाद भाई फूल सिंह जी !

Comment by PHOOL SINGH on August 28, 2012 at 3:50pm

श्रीवास्तव  जी नमस्कार

अति  ही सुंदर प्रस्तुति .........रचना के लिए बधाई

फूल सिंह

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 15, 2012 at 9:27pm

स्वागत है आदरेया रेखा जी ! हार्दिक धन्यवाद !

Comment by Rekha Joshi on August 15, 2012 at 12:55pm

अति सुंदर रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरनीय अम्बरीश जी 

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 14, 2012 at 9:41pm

 भ्राता नीरज जी,  हार्दिक आभार अनुज ! यशस्वी भव!

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 14, 2012 at 9:39pm

धन्यवाद आदरणीय सौरभ जी ! आपकी वाह वाह वाह किसी भी नगीने से कम नहीं है ....सादर

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 14, 2012 at 9:38pm

आदरणीय उमाशंकर जी, आपके इस स्नेह के निमित्त आपके प्रति हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित कर रहा हूँ ! सादर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 14, 2012 at 9:22am

वाह वाह वाह ! .. .  इसके नीचे कुछ नहीं.

सादर

Comment by UMASHANKER MISHRA on August 13, 2012 at 11:38pm

प्रिय  अम्बरीश जी  शब्द नहीं है कहने के लिए

हर दृष्टिकोण से लाजवाब है

हार्दिक बधाई

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 13, 2012 at 8:17pm

आदरणीय प्रधान संपादक जी ! आपका स्नेहाशीष पाकर मन प्रमुदित हुआ ! स्नेह बना रहे ! सादर .......

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
22 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service