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मैं करता हूँ तेरा इंतज़ार प्यार में ,
प्यार करता है तेरा इंतज़ार मुझमे ..

शाम से ही रोशन ये चाँद ,
पलकें झपकते ये सितारे तमाम ,
ख्वाबों की बार बार आती जाती मुस्कान ,
हैं सभी बेचैन तेरे इंतज़ार में..

हवाएं ,
लहरें
और मैं
इंतज़ार का ही हैं नाम , प्यार में..

ख़ामोशी करती है प्यार
और प्यार करता है ख़ामोशी,
मैं करता हूँ दोनों
प्यार और खामोश इंतज़ार ...

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Comment

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Comment by Veerendra Jain on October 12, 2010 at 12:04pm
Ganesh jee 'Bagi' आपका बहुत बहुत धन्यवाद .. आशा करता हूँ कि आप आगे भी इसी तरह मेरा उत्साहवर्धन करते रहेंगे साथ ही साथ मेरी कमियाँ भी मुझे बताते रहेंगे...

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 11, 2010 at 10:57pm
इंतज़ार का ही हैं नाम , प्यार में..
वीरेन्द्र जी, अच्छा प्रयास है, OBO के मंच पर आपकी रचना का स्वागत है |

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