Added by Veerendra Jain on October 12, 2011 at 6:00pm — No Comments
ज़ख्म खाने को सदा तैयार होना चाहिये
Added by Veerendra Jain on September 29, 2011 at 1:45pm — 5 Comments
1. छब अपनी
Added by Veerendra Jain on September 11, 2011 at 12:30am — 2 Comments
साँसे बोझिल हैं , आँखों में पानी है
फिर भी प्यारी ये जिंदगानी है |
हर सुबह नई परेशानी है ,
फिर भी प्यारी ये जिंदगानी है |
कैसी सोची थी कैसी पाई है
जाना था कहाँ , कहाँ ले आई है |
कौन सोचे और कैसी बितानी है ,
फिर भी प्यारी ये जिंदगानी है…
ContinueAdded by Veerendra Jain on August 24, 2011 at 11:59am — 9 Comments
सर्फ़ का घोल लेके वो बच्चा हवा में बुलबुले उड़ा रहा था
कुछ उनमें से फूट जाते थे खुद-ब-खुद
कुछ को वो फोड़ देता था उँगलियाँ…
ContinueAdded by Veerendra Jain on July 20, 2011 at 12:59pm — 10 Comments
जाने कैसा दौर गुज़र रहा है ये ,
खुदा का घर दहशत में है
जन्नत लिपटी पड़ी है नुकीले तारों में
खूब चलता है ब्योपार इन दिनों नुकीली तारों का |
बर्फ की चादर अब तो मैली हो चली है
खून के धब्बों से ,
जख्मी हो गए हैं
बन्दूक की नोक पर कदम…
ContinueAdded by Veerendra Jain on June 27, 2011 at 12:13pm — 6 Comments
Added by Veerendra Jain on June 19, 2011 at 11:46pm — 7 Comments
खिड़की खुलते ही नज़र आता था सोसायटी के पीछे खड़ा
बरगद का इक बूढ़ा पेड़
हर मौसम में एक नयी पोशाक पहने |
शाखें हिलाकर हाथ की तरह
जाने किस किसको बुला लिया करता था,
अनजान से चेहरे आते
और कुरेदकर लिख जाते
अपनी ख्वाहिशें और ग़म उसके तनों पर
चाँद जब परेड करता रात…
ContinueAdded by Veerendra Jain on June 14, 2011 at 11:50pm — 7 Comments
Added by Veerendra Jain on May 31, 2011 at 12:27am — No Comments
उखाड़ दो खूंटे ज़मीन से इबादतगाहों के ,
उतारो गुम्बद,
समेटो खम्भे,
उधेड़ दो सारे मंदिर-मस्जिदों के धागे,
मिट्टी-पत्थरों में ख़ुदा नहीं बसता,
सुकूँ…
ContinueAdded by Veerendra Jain on May 23, 2011 at 1:40pm — 10 Comments
ज़िन्दगी के कैनवास पर
जीवन का मनमोहक चित्र
बनाता है वो
रंग भी मुरीद हैं
उसकी इस कला के ,
रंग प्यार के
रंग अपनेपन के
रंग दोस्ती के
रंग करुणा…
ContinueAdded by Veerendra Jain on May 16, 2011 at 11:50am — 4 Comments
Added by Veerendra Jain on May 10, 2011 at 12:21am — 7 Comments
Added by Veerendra Jain on April 27, 2011 at 12:15pm — 9 Comments
Added by Veerendra Jain on April 20, 2011 at 11:30am — 9 Comments
मेरे ख़्वाबों से हकीक़त का क़रार है तू ,
Added by Veerendra Jain on April 3, 2011 at 11:30am — 5 Comments
Added by Veerendra Jain on March 28, 2011 at 3:53pm — 10 Comments
Added by Veerendra Jain on March 22, 2011 at 11:30am — 5 Comments
कभी मेरी नज़रों से देखो ,
Added by Veerendra Jain on February 28, 2011 at 11:30pm — 13 Comments
Added by Veerendra Jain on February 11, 2011 at 7:17pm — 5 Comments
Added by Veerendra Jain on January 28, 2011 at 11:45am — 12 Comments
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