For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 

आज फिर मैं सुबह के जागने से पहले उठा,
और सूरज से पहले घर से निकल गया  
सफ़र लम्बा है और
मंजिलों तक के फ़ासले जो तय करने हैं |
राहें पथरीली और उबड़ खाबड़ भी हैं तो क्या ?
चाँद पर घर बनाना है तो,
रास्ते में गड्ढे तो मिलेंगे ही !!
चुनौतियाँ भी बरसती रहेंगी ,
पर थकना नहीं है,
हार कर रुकना नहीं है,
बस आँखों में सपने , चेहरे पर मुस्कान
और हाथ में साहस लिए चलते जाना है |
 
तारे शायद सो चुके हैं
आहटें सुनाई नहीं पड़ती ,
पर मुझे अभी जागना है
कल की तैयारी करनी है ,
फिर सफ़र पर जो निकलना है ,
फिर फ़ासले कम करने हैं.......

Views: 461

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Veerendra Jain on April 14, 2011 at 11:43pm
dhanyawad .... Anu shri ji...
Comment by anupama shrivastava[anu shri] on April 14, 2011 at 5:00pm
प्रेरक प्रस्तुति.............सुंदर रचना.........इसी तरह लिखते रहे.धन्यवाद
Comment by Veerendra Jain on April 5, 2011 at 12:23pm
Vandana ji...aap logon ka protsahan aage badhne me bahut sahaayak hai...dhanyawad...
Comment by Veerendra Jain on April 5, 2011 at 12:22pm
Arun ji...rachna pasand karne ke liye bahut bahut aabhar...
Comment by Abhinav Arun on April 3, 2011 at 1:50pm
ग्रेट वीरेंद्र जी सार्थक और प्रेरक रचना के लिये बधाई !!
Comment by Veerendra Jain on March 30, 2011 at 11:24am

Ganesh bhaiya.. bahut dhanyawad...utsahvardhan karne ke liye...

Aap mere bade bhai samaan hain , anurodh nahi aadesh dijiye aap to....

aapke aadeshanusar... profile picture laga di hai maine...

dhanyawad..


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on March 30, 2011 at 8:46am
चाँद पर घर बनाना है तो,

रास्ते में गड्ढे तो मिलेंगे ही,

 

सही कहा है वीरेंदर साहब , यदि कुछ पाना है तो छोटी छोटी परेशानियों से क्या घबराना , अच्छी कविता बधाई , एक अनुरोध , प्रोफाइल फोटो लगा ले तो हम सब को अच्छा लगेगा |

Comment by अमि तेष on March 29, 2011 at 1:21pm
jee fir aap mujhe bulaayege ya me aap ko aabaj du..
Comment by Veerendra Jain on March 29, 2011 at 1:06pm
bilkul Amitesh ji...ache padosi kismat se milte hain..!!!
Comment by अमि तेष on March 29, 2011 at 12:52pm

kal se ham bhi chalege aap ke shaath Veerendra bhaiya

cahnd par hame bhi ghar banana hai...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Nov 2
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Nov 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Oct 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Oct 31
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Oct 31
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Oct 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service