जश्न-ए-ईद
रिपोर्ट : दीपक शर्मा 'कुल्लुवी'
Photo:Deepak kulluvi,Jawed naqvi sahib,Krishna,Md.Hamid Khan Sahib,Arundhati Roy,Yasmin Khan,Kumud,Zoya & her friends
जश्न-ए-ईद मनाने का खूबसूरत मौक़ा हमें इस बार फिर हिन्दोस्तान की जानी मानी हस्तियों के साथ हिदो'स्तानी शास्त्रीय संगीत के मशहूर गायक 'मोहम्मद हमीद खान' जी के घर पर मिला I वैसे तो हर साल ही हम बुलाए.....बिन बुलाए शामिल होते ही हैं क्योंकि बहुत पुराना दोस्ती भाईचारे का इक प्यारा सा रिश्ता है खान साहब और उनके परिवार के साथ लेकिन इस बार की ईद हमारे लिए कुछ खास थी क्योंकि इस बार हिन्दोस्तान की दो जानी मानी मशहूर हस्तियाँ बहुत बड़े जर्नलिस्ट,लेखक जावेद 'नकवी' साहब और विश्व विख्यात उपन्यासकार 'अरुंधति रॉय' मौजूद थी I उनके साथ हमने एक बेहतरीन शाम बिताई I एक तरफ ईद थी तो दूसरी तरफ खान साहब की नन्ही सी प्यारी सी शहज़ादी 'जोया' खान का जन्मदिन भी I
Photo:,Jawed Naqvi Sahib,Arundhati Roy, Deepak kulluvi & Kumud,Sharma enjoing Music
इतने बड़े कलाकारों की मौजूदगी में गीत संगीत की महफ़िल न हो ऐसा हो ही नहीं सकता I इसलिए खान साहब के प्रिय शागिर्द श्री राम अवतार जी नें खान साहब की खूबसूरत दिलकश बंदिशें सुनाई,तबले पर संगत कर रहे थे श्री दलीप सागर जी,कृष्णा जी के बंसी वादन नें तो सारे माहौल को रोमांच की बुलंदियों पर पहुंचा दिया 'नकवी' साहब नें भी उनकी जमकर तारीफ की, मेरी धर्मपत्नी 'कुमुद' नें राग मालकौस पर आधारित मेरा लिखा पहाड़ी भजन 'राधा कन्ने नच्चदे कृष्ण मुरारी' सुनाया वोह भी अरुंधति जी और नकवी साहब को खूब भाया I
Photo :Yasmin Khan, Deepak kulluvi & Lovely Dog of Khan Sahib
'अरुंधति' जी और 'नकवी' साहब को दूर जाना था इसलिए लगभग रात दस बजे उनहोंने हम सबसे बिदा ली I उसके बाद भी महफ़िल गर्मजोशी से चलती रही I हमने भी बहती गंगा में हाथ धो लिए I अपना लिखा और कम्पोज़ किया ताज़ा तरीन गीत 'कूका मेरी जान ओ रब्बा कूका मेरी जान' सुनाया 'कूका' खान साहब की बेटी जोया का घर का नाम है हामिद जी ने भी अपनी चिर परिचित आवाज़ में मनमोहक बंदिशे सुनाई I खान साहब की शरीक-ए-हयात 'यासमीन खान 'ने आए हुए तमाम मेहमानों की खातिरदारी हर बार की तरह दिल से बड़ी शिदद्त से हँसे मुस्कुराते हुए की I
शाम-ए-ईद इतनी हसीन थी की अल्फाजों में वयां करना आसाँ नहीं
Comment
ईद की शाम होती ही है दिलकश. एक-एक पल अमीर होता है. उस पर से बुलाये गये ख़ासुलख़ास मेहमानों के बीच मौसीकी की लहरियों में गोते खाते दीपक शर्माजी, आप सपत्नीक ! वाह ! बहुत दिल से आपने उन पलों को साझा किया है. गोया हम भी वहीं हों.
सधन्यवाद
मुबारक हो आप सभी को.
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