जब जब हैं आतंकी आये
बिल में चूहे सा घुस जाये
खो जाए उसकी आवाज़
क्या सखि नेता? नहिं सखि राज!
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नाम जपे नित भाईचारा.
भाई को ही समझे चारा
ऐसे झपटे जैसे बाज़
क्या सखि नेता? नहिं सखि राज!
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प्लेटफार्म पर सदा घसीटे
मारे दौड़ा दौड़ा पीटे
इम्तहान क्या दोगे आज
क्या सखि पोलिस ? नहिं सखि राज !
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चलती जिसकी अज़ब गुंडई
कहे, निकल ले, छोड़ मुम्बई
उठा-पटक जिसका अंदाज़
क्या सखि सत्ता? नहिं सखि राज !
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खुराफात में जिसका है मन
जिसका उत्तर भारत दुश्मन
दबंगई नित जिसका काज
क्या सखि भाई? नहिं सखि राज !
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लगता है थोड़ा सा खिसका
खानदान सिरफिरा है जिसका
क्षेत्र-वाद का छेड़े साज
क्या सखि गोरा? नहिं सखि राज !
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वैसे तो वह बना कसाई
फिर भी है अपना ही भाई
दें सद्बुद्धि जिसे प्रभु आज
क्या सखि जालिम? नहिं सखि राज !
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--अम्बरीष श्रीवास्तव
Comment
स्वागत है भाई संदीप जी ! कह मुकरियों को पसंद करने के लिए आप के प्रति हार्दिक आभार !
//किन्तु किसी एक नेता विशेष पर संकुचित सी जान पड़ती हैं
जबकि इन नेताओं के जन्मदाता सारे आम लोग ही हैं
कवि की दृष्टि से इस संकुचित भावना से बचना चाहिए
किसी एक को आइना दिखा के हम सिमट नहीं सकते हैं//
आपने बिल्कुल सही कहा कि साहित्यकार को संकुचित भावना से बचना चाहिए ! परन्तु भाईजी , आज के इस दौर में यह कथित 'राज' साहब किसी एक व्यक्ति या एक नेता के रूप में न होकर एक एक उग्रवादी विचारधारा के रूप में एक गुस्सैल भीड़ की शक्ल अख्तियार कर चुके हैं ! हो सकता हो आपका भी कोई परिचित मुम्बई में केंद्र सरकार से सम्बंधित नौकरी की परीक्षा देने गया हो और उसे दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया हो .....मेरे भाई यह मुकरियाँ किसी एक 'राज' के लिए न होकर उपरोक्त उग्रवादी विचारधारा के लिए हैं ! सस्नेह
स्वागत है कुमार गौरव जी ! अनुमोदन के लिए बहुत-बहुत आभार अनुज ! सस्नेह
जय हो जय हो आदरणीय अलबेला जी !
अत्यंत सुन्दर जवाबी कह मुकरियाँ रची हैं आपने !
//उत्तर दक्षिण पूरव पश्चिम
कान्हा,कोटे,केथी,कासिम
करता नहिं वो किसी से लाज
क्या सखि लालू ? नहिं सखि राज//
इसमें 'क्या सखि लालू ? नहिं सखि राज/'
इसमें 'करता नहिं वो किसी से लाज' के स्थान पर 'कभी न आये उसको लाज' ! अधिक उपयुक्त रहेगा !
//क्षेत्रवाद संजीवन है जी
नेताओं का जीवन है जी
चाचाजी से पा लिया राज़
क्या सखि मोदी ? नहिं सखि राज//
इसमें भी प्रवाह की दृष्टि से 'चाचाजी से पा लिया राज़' के स्थान पर 'चाचाजी से पाया राज' अधिक उपयुक्त लग रहा है !
//मत बोलो तुम उसे कसाई
वह भी इक नेता है भाई
उसके पीछे भी है समाज
क्या सखि उद्धव ? नहिं सखि राज//
'उसके पीछे भी है समाज' के स्थान पर 'उसके पीछे चले समाज' कैसा रहेगा?
इन शानदार जवाबी कह मुकरियों के लिए पुनः बधाई मित्र ! जय हो.... जय हो...... आदरणीय
प्लेटफार्म पर सदा घसीटे
मारे दौड़ा दौड़ा पीटे
इम्तहान क्या दोगे आज ?
क्या वह पोलिस ? नहिं सखि राज !
आदरणीय उमाशंकर जी ! अनुमोदन के लिए आपका हार्दिक आभार ! सादर
आदरणीय अम्बरीश सर जी सादर नमन
क्या खूब कह मुकरियाँ कहीं हैं आपने सादर बधाई स्वीकार कीजिये
किन्तु किसी एक नेता विशेष पर संकुचित सी जान पड़ती हैं
जबकि इन नेताओं के जन्मदाता सारे आम लोग ही हैं
कवि की दृष्टि से इस संकुचित भावना से बचना चाहिए
किसी एक को आइना दिखा के हम सिमट नहीं सकते हैं
सत्य वचन आदरणीय अग्रज अम्बरीश जी......सभी कह मुकरियां अच्छी हैं.....बधाई.....
जय हो जय हो जय हो !
जब जब हैं आतंकी आये
बिल में चूहे सा घुस जाये
खो जाए उसकी आवाज़
क्या सखि नेता? नहिं सखि राज!
आतंकी पर ज़ोर न चलता
इस कारण उस ओर न चलता
डरता है वह देख के गाज______________________
नाम जपे नित भाईचारा.
भाई को ही समझे चारा
ऐसे झपटे जैसे बाज़
क्या सखि नेता? नहिं सखि राज!
भाईचारा भाईचारा______________________
खुराफात में जिसका है मन
जिसका उत्तर भारत दुश्मन
दबंगई नित जिसका काज
क्या सखि भाई? नहिं सखि राज !
उत्तर दक्षिण पूरव पश्चिम
कान्हा,कोटे,केथी,कासिम
करता नहिं वो किसी से लाज
क्या सखि लालू ? नहिं सखि राज
______________________
लगता है थोड़ा सा खिसका
खानदान सिरफिरा है जिसका
क्षेत्र-वाद का छेड़े साज
क्या सखि गोरा? नहिं सखि राज !
क्षेत्रवाद संजीवन है जी
नेताओं का जीवन है जी
चाचाजी से पा लिया राज़
क्या सखि मोदी ? नहिं सखि राज
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वैसे तो वह बना कसाई
फिर भी है अपना ही भाई
दें सद्बुद्धि जिसे प्रभु आज
क्या सखि जालिम? नहिं सखि राज !
मत बोलो तुम उसे कसाई_______________________
हा हा हा हा ............वाह अम्बर जी ..........आनन्द आया आपकी कह-मुकरियों में..........
सादर
वाह अनुज आपकी इसी बेबाकी के तो हम कायल हैं
आपने यहाँ कहमुकरी के माध्यम से जो चित्र उकेरा है उसमे हर जगह राज सही बैठ रहा है
वैसे तो वह बना कसाई
फिर भी है अपना ही भाई
दें सद्बुद्धि जिसे प्रभु आज
क्या सखि जालिम? नहिं सखि राज ! यहाँ आपकी भावना ...आपकी सहृदयता को प्रदर्शित कर रही है
हार्दिक बधाई
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