For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रुख पे उदासी , आँख क्यूँ नम है

रुख पे उदासी , आँख क्यूँ नम है
यार बता , तुझे कौन सा गम है

ज़ख्म जिगर के मुझको दिखा दे ,
मेरी नज़र भी इक मरहम है .

तेरी पलक का अश्क मैं अपने
लब पे उठा लूं , ये शबनम है.

लगता है मुझको तुझमे खुदा है ,
हंस कर बोले लोग वहम है

जिस्म तेरा या रूह हो तेरी
मेरे लिए यह दैरो- हरम है

कहना ग़ज़ल यूं मैं क्या जानू
यह तो खुदा का रहमो- करम है

आनंद तनहा

Views: 536

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on October 25, 2010 at 12:00pm
रुख पे उदासी , आँख क्यूँ नम है
यार बता , तुझे कौन सा गम है

ज़ख्म जिगर के मुझको दिखा दे ,
मेरी नज़र भी इक मरहम है .

वाह क्या बात है आनंद साहब....आपकी इन लिनेस पर किस तरह की टिपण्णी दूं समझ में ही नहीं आ रहा है....ये पंक्तियाँ बहुत ही बेहतरीन है....इसलिए बस इतना ही कहूँगा की शानदार रचना है,,,,...ऐसे ही लिखते रहे आनंद साहब...

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on October 22, 2010 at 7:31pm
आनंद जी बेहतरीन ख्याल| मेरी पसंद के आशार|

ज़ख्म जिगर के मुझको दिखा दे ,
मेरी नज़र भी इक मरहम है .

जिस्म तेरा या रूह हो तेरी
मेरे लिए यह दैरो- हरम है
Comment by anand pandey tanha on October 21, 2010 at 5:09pm
ब्रिजेश भाई,गणेश जी ,शेष धर जी
आपकी, तारीफ़ के लिए आभार -

आप इस बज़्म में आये मेरी चाहत के लिए
शुक्रिया दोस्त बहुत नज़रें - इनायत के लिए .

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 21, 2010 at 9:50am
कहना ग़ज़ल यूं मैं क्या जानू
यह तो खुदा का रहमो- करम है,
वाह वाह वाह , खुदा का रहमो करम है .... बहुत ही संजीदा ग़ज़ल पढ़ी है भाई आनंद जी, ब्रिजेश भईया की बात एकदम सही है , उम्द्दा ख्यालात है , बधाई स्वीकार कीजिये ,
Comment by Dr.Brijesh Kumar Tripathi on October 20, 2010 at 9:40pm
आनंद भाई, यह नई ग़ज़ल तो कमाल है...क्या गज़ब के आसार हैं और ख्याल तो लाजवाब है ..आपकी सुन्दर गजलों के लिए बधाई ...
ज़ख्म जिगर के मुझको दिखा दे ,
मेरी नज़र भी इक मरहम है .
अब डॉक्टर मैं हूँ और इलाज आपके पास हैं...है न मज़ेदार बात

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Sanjay Shukla जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
5 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Euphonic Amit जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
6 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Dinesh Kumar जी, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई है। "
7 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Richa यादव जी, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई। इस्लाह से बेहतर हो जाएगी ग़ज़ल। "
12 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' ji, अच्छा प्रयास हुआ ग़ज़ल का। बधाई आपको। "
16 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Chetan Prakash ji, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास रहा। सुझावों से निखार जाएगी ग़ज़ल। बधाई। "
20 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, ख़ूब ग़ज़ल रही, बधाई आपको। "
24 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय जी। सादर अभिवादन स्वीकार करें। ग़ज़ल तक आने व प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार"
43 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Sanjay जी, अच्छा प्रयास रहा, बधाई आपको।"
45 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Aazi ji, अच्छी ग़ज़ल रही, बधाई।  सुझाव भी ख़ूब। ग़ज़ल में निखार आएगा। "
51 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकारें बाक़ी गुणीजनों की इस्लाह से और निखर जायेगी"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Mahendra Kumar ji, अच्छी ग़ज़ल रही। बधाई आपको।"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service