For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दिल्ली का हाल
 
यह देखो दिल्ली का हाल
त्रस्त जनता बेबस,बेहाल
महंगाई का बोझ उठाए
पूछे है  सत्ता  से सवाल 
यह देखो दिल्ली का---
चारों तरफ पैसे की भूख 
मची हुई है लूट खसूट 
बिगड़ गए सारे सुर ताल
राजनीति का अजब क्मॉल
यह देखो दिल्ली का---
जिसकी लाठी उसकी भैंस
सरकारी कर्मचारियों की ऐंठ 
भ्रष्टाचार का बोलबाला है 
छुपे हुए वर्दी में दलाल  
यह देखो दिल्ली का---
बिन रिश्वत कोई काम न होता 
आम आदमी यूँ  ही नहीं रोता 
चक्कर काटते कट जाती जिंदगी
रिश्वतखोर हुए मालामाल 
यह देखो दिल्ली का---
लम्बी लम्बी लाईनें दिखती
शमशान तक में जगह न मिलती
एडवांस बुकिंग का दौर है यारो   
अक्सर रहती है हड़ताल 
यह देखो दिल्ली का---
गुंडागर्दी है सरेआम 
छीना झपटी हो गई आम
धोटाले पर घोटाला
लम्बी खिंचती जाँच पड़ताल 
यह देखो दिल्ली का---
चारों तरफ है जाम ही जाम
कितनी गलियां हैं बदनाम
कमीं नहीं कामचोरों की
सुख शांति का पड़ा अकाल 
यह देखो दिल्ली का---
दीपक 'कुल्लुवी' कितना लिखे
कितना सोते हुओं को जगाए
इस दिल्ली की फिक्र में यारो 
उड़ गए आधे सर के बाल 
यह देखो दिल्ली का हाल 
यह देखो दिल्ली का---
दीपक कुल्लुवी 
09350078399
10 -11 -12 .

Views: 329

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 11, 2012 at 2:58pm

दिल्ली का ही नहीं दीपक जी सभी जगह यही हाल  है बढती महंगाई ,जनसंख्या और प्रशासन की अव्यवस्था  ने ये हाल कर रखा है बहुत बढ़िया चित्रण किया है दिल्ली का बधाई आपको 

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on November 10, 2012 at 4:58pm

THANKS PHOOL SINGH

BOTH WE ARE FACING SUCH TYPE OF PROBLEMS IN DELHI

Comment by PHOOL SINGH on November 10, 2012 at 12:21pm

शर्मा जी नमस्कार......

सच्चाई का बखान करती एक बहुत ही स्टिक और सुंदर रचना............बधाई स्वीकारे.....

फूल सिंह

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"क्या ही कथ्य, क्या ही तथ्य और क्या ही प्रवाह .. वाह वाह वाह ..  आदरणीय अशोक भाईजी, आपने…"
6 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"युद्ध की विभीषिका की चेतावनी देती उत्तम रचना हुई आ॰ अशोक जी। सभी भाव पसंद आए।"
12 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"अच्छी ग़ज़ल हुई है आदरणीय। परिवर्तित मतला और शेर भी बहुत प्रभावी बन पड़ा है। मंच को लाभान्वित करने…"
15 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"अच्छे दोहे हुए हैं लक्ष्मण भाई। सार्थक और विषयानुकूल। बहुत बढ़िया "
16 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"धन्यवाद आदरणीय अशोक जी "
24 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आभार गिरिराज जी "
25 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"बहुत बहुत आभार आदरणीय सौरभ जी "
25 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सुशील सरनाजी, यदि आप चर्चा की गंभीरता को वाकई समझ रहे हैं तो यह अवश्य ही उचित है, कि संवादो…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई। 'नाश सृष्टि का…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और असीम स्नेह के लिए आभार।"
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"परम आदरणीय गिरिराज भंडारी जी एवं सौरभ पाण्डेय जी  इस वार्ता को यहीं समाप्त करना  उचित…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय अशोक भाई प्रदत्त विषय पर बढ़िया गीत रचना हुई , हार्दिक बधाइयां "
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service