For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अंधी जीवन दौड़ में, व्यथा करो न होड़        
ज्यादा धन की दौड़ में,है तनाव का मौड़ ।
 
लूट लूट कर घर भरा, जोड़े लाख करोड़,
साथ न वह ले जा सका,गया यही पर छोड़
  
घातक तनाव जो करे, जल्द बने अब प्रौड़  
प्रौड़ हो फिर बुढा जाय, बचे न कोई तौड़ । 

एक दूजे से हौड में, दुर्घटना घट जाय,
आपाधापी छोड़ दे, वर्ना फिर पछताय । 
 
अवसर के अनुकूल जो,करे प्रगति की होड़ 
लक्ष्मण उसकी राह में, मिले भले का मोड़ ।
 
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला 

Views: 359

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on December 15, 2012 at 2:32pm

अनुकूल सुझावों के लिए हार्दिक आभार आपका आदरणीया राजेश कुमारी जी 

आपके स्नेह/सराहना से प्रोत्साहन मिलता है 

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 15, 2012 at 1:20pm
अंधी जीवन दौड़ में, व्यथा करो न होड़ ----सम  चरण में 10 मात्राएँ हो रही हैं        
ज्यादा धन की दौड़ में,है तनाव का मौड़ ।
 
लूट लूट कर घर भरा, जोड़े लाख करोड़,
साथ न वह ले जा सका,गया यही पर छोड़-----साथ न वह ले जा सका में गेयता प्रभावित हो रही है ,साथ कौन ले जा सका कर के देखिये 
  
घातक तनाव जो करे, जल्द बने अब प्रौड़  ------विषम   चरण में जगण अर्थात 121(तनाव )वर्जित है 
प्रौड़ हो फिर बुढा जाय, बचे न कोई तौड़ ।----विषम चरण के अंत में जाय कैसे ?? 

एक दूजे से हौड में, दुर्घटना घट जाय,---एक की जगह इक करदें तो मात्राएँ ठीक हो जायेंगे ए में दो मात्राएँ गिनी जाती हैं इस लिए 14 हो रही हैं 
आपाधापी छोड़ दे, वर्ना फिर पछताय । 
 
अवसर के अनुकूल जो,करे प्रगति की होड़ 
लक्ष्मण उसकी राह में, मिले भले का मोड़ ।

 बहुत उत्तम भाव पूर्ण दोहे हैं आदरणीय लक्ष्मण जी बस थोड़े से सुधार की अपेक्षा है 

Comment by Dr.Ajay Khare on December 14, 2012 at 4:24pm

teri sari se meri saari safed kyo pratispardha par aapne badia likha he badhai ke aap hakdaar he

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on December 14, 2012 at 2:13pm

एडमिन महोदय जी, क्रपया दुसरे दोहे के की पहली पंक्ति के सम चरण में करोड़ से पहले कर गलती से छप गया, जिसे हटाने की कृपा करे । सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर छन्द हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
21 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं, हार्दिक बधाई।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। बहुत मनमोहक रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
14 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"कुंडलिया. . . . होली होली  के  हुड़दंग  की, मत  पूछो  कुछ बात ।छैल - …"
17 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"होली के रंग  : घनाक्षरी छंद  बरसत गुलाल कहीं और कहीं अबीर है ब्रज में तो चहुँओर होली का…"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"दोहे*****होली पर बदलाव  का, ऐसा उड़े गुलाल।कर दे नूतन सोच से, धरती-अम्बर लाल।।*भाईचारा,…"
21 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"कलियुग भी द्वापर काल लगे होली में रंग गुलाल लगे, सतरंगी सबके गाल लगे। होली में रंग गुलाल लगे। इस…"
22 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna posted blog posts
Mar 9
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति से प्रसन्नता हुई। हार्दिक आभार। विस्तार से दोष…"
Mar 7
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"भाई, सुन्दर दोहे रचे आपने ! हाँ, किन्तु कहीं- कहीं व्याकरण की अशुद्धियाँ भी हैं, जैसे: ( 1 ) पहला…"
Mar 6
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Mar 2

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service