For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Dr.Ajay Khare
Share on Facebook MySpace

Dr.Ajay Khare's Friends

  • Usha Taneja
  • Kedia Chhirag
  • Savitri Rathore
  • Dr. Rama Shankar Shukla
  • वेदिका
  • Aarti Sharma
  • upasna siag
  • vijay nikore
  • भावना तिवारी
  • आशीष नैथानी 'सलिल'
  • rajluxmi sharma
  • राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
  • श्रीराम
  • लक्ष्मण रामानुज लडीवाला
  • Anwesha Anjushree
 

Dr.Ajay Khare's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Jabalpur Madhya Pradesh
Native Place
738/5 Vijaynagar Jabalpur M.P
Profession
Scientist
About me
Just to write Poem and satire

Dr.Ajay Khare's Photos

  • Add Photos
  • View All

Dr.Ajay Khare's Blog

जीने की बात करता हूँ

जीने की बात करता हूँ

मै हर इंसान से जीने की बात करता हूँ

औरों के गम पीने की बात करता हूँ

चिंदी ,चिंदी हुई है, जो जीवन की किताब

हर चिंदी को सीने की बात करता हूँ

बचा जो डूबने से, उसे खुदाहाफिज

डूबे भंवर मै, सफीने की बात करता हूँ

दौलत की चमक से मचल रही दुनिया

मै बिन तराशे नगीने की बात करता हूँ

हुए शहीदे-बतन जो मिटाकर अपनी हस्ती

मै उनके खून पसीने की बात करता हूँ

जिन्दगी अपनी कटी बे हिसाब बे तरतीव

औरों से मै करीने…

Continue

Posted on April 29, 2013 at 12:53pm — 9 Comments

नारी उत्थान

नारी उत्थान 

महिलाओं की स्थिति में निरंतर सुधार

ऐसा कहते टीबी टीवी, अखबार

ऐसी ख़बरों का संकलन

कथनी करनी का आकलन 

"महिला आरझन आरक्षण बिल की बात संसद मै उठाई "

"महिला की सरेआम पिटाई 

नारी देवीतुल्य जननी

दहेज़ के…
Continue

Posted on April 18, 2013 at 4:30pm — 9 Comments

ये तो होना ही था

जिन्दगी में ये सब होना ही था

हर ख़ुशी की चाह मे रोना ही था

रिश्ते नाते प्यार वादों का महल

टुटा खंडहर एक दिन होना ही था

दूसरों के बोझ ढोते रह गए

अपने गम का बोझ भी ढोना ही था…

Continue

Posted on April 3, 2013 at 12:00pm — 3 Comments

हो गई होली

                     हो गई होली

   जलाई चन्द लकड़ियाँ, तो हो गई होली

 खाई गुजिया पपड़ियाँ, तो हो गई होली

 हुए हुड्दंगों मै शुमार, तो हो गई होली

 निकाले  दिल के गुबार, तो हो गई होली

 पी दो घूँट शुरा, तो हो गई होली

 निकाले  चाकू छुरा, तो हो गई होली

 छानी ठंडाई भांग, तो हो गई होली

खींची अपनों की टांग, तो हो गई होली

छेड़ी वेसुरी तान ,तो हो गई होली

किया नाली मै स्नान, तो हो गई होली

 देखे रंगीन माल, तो हो गई…

Continue

Posted on March 18, 2013 at 10:46am — 2 Comments

Comment Wall (2 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 8:29pm on August 1, 2012, Rekha Joshi said…

 आपका स्वागत है 

At 8:28pm on August 1, 2012, Rekha Joshi said…

डा अजय जी ,ओ बी ओ पर आपका स्वागत है 

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. प्रतिभा बहन अभिवादन व हार्दिक आभार।"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी. सादर "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। सुन्दर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
" आदरणीय अशोक जी उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"  कोई  बे-रंग  रह नहीं सकता होता  ऐसा कमाल  होली का...वाह.. इस सुन्दर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"बहुत सुन्दर दोहावली.. हार्दिक बधाई आदरणीय "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"बहुत सुन्दर दोहावली..हार्दिक बधाई आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"सुन्दर होली गीत के लिये हार्दिक बधाई आदरणीय "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। बहुत अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, उत्तम दोहावली रच दी है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service