जीने की बात करता हूँ
मै हर इंसान से जीने की बात करता हूँ
औरों के गम पीने की बात करता हूँ
चिंदी ,चिंदी हुई है, जो जीवन की किताब
हर चिंदी को सीने की बात करता हूँ
बचा जो डूबने से, उसे खुदाहाफिज
डूबे भंवर मै, सफीने की बात करता हूँ
दौलत की चमक से मचल रही दुनिया
मै बिन तराशे नगीने की बात करता हूँ
हुए शहीदे-बतन जो मिटाकर अपनी हस्ती
मै उनके खून पसीने की बात करता हूँ
जिन्दगी अपनी कटी बे हिसाब बे तरतीव
औरों से मै करीने…
ContinueAdded by Dr.Ajay Khare on April 29, 2013 at 12:53pm — 9 Comments
Added by Dr.Ajay Khare on April 18, 2013 at 4:30pm — 9 Comments
जिन्दगी में ये सब होना ही था
हर ख़ुशी की चाह मे रोना ही था
रिश्ते नाते प्यार वादों का महल
टुटा खंडहर एक दिन होना ही था
दूसरों के बोझ ढोते रह गए
अपने गम का बोझ भी ढोना ही था…
ContinueAdded by Dr.Ajay Khare on April 3, 2013 at 12:00pm — 3 Comments
हो गई होली
जलाई चन्द लकड़ियाँ, तो हो गई होली
खाई गुजिया पपड़ियाँ, तो हो गई होली
हुए हुड्दंगों मै शुमार, तो हो गई होली
निकाले दिल के गुबार, तो हो गई होली
पी दो घूँट शुरा, तो हो गई होली
निकाले चाकू छुरा, तो हो गई होली
छानी ठंडाई भांग, तो हो गई होली
खींची अपनों की टांग, तो हो गई होली
छेड़ी वेसुरी तान ,तो हो गई होली
किया नाली मै स्नान, तो हो गई होली
देखे रंगीन माल, तो हो गई…
ContinueAdded by Dr.Ajay Khare on March 18, 2013 at 10:46am — 2 Comments
नापाक, पाक
हे निर्लज्ज निकर्ष्ठ पडोसी
तुझे कोटि कोटि धिक्कार है
पीठ पर बार करते हो
यही तुम्हारी हार है
हम सदभावी शांतिदूत
तुम हमें कमजोर आंकते हो
कायर बन चोर की मानद…
ContinueAdded by Dr.Ajay Khare on March 16, 2013 at 1:30pm — No Comments
दास्ताने होली (होली के पावन पर्व पर जनहित में जारी)
होली के हुरियारों ने, मुझे पिला दी भंग
अंग अंग में छा गई, भंग की तरंग
गिरते पड़ते जैसे तैसे, वापिस घर मै आया
बाहर खड़े खजहे कुत्ते को, खूब गले लगाया
वो मुझे चाट रहा था, मै उसको चूम रहा था
मदहोश था यारो, मेरा सर घूम रहा था
रंगरंगीली छैलछबीली, वहाँ एक नार खड़ी थी
वो मुझे देखकर मुस्काई, मेरी उससे आँख लड़ी थी
उसकी कातिल मुस्कान ने, मेरे अरमानो को हवा दी
रोमांटिक हुआ…
ContinueAdded by Dr.Ajay Khare on March 11, 2013 at 11:00am — 4 Comments
कवि का प्यार
जब एक कवि को हुआ, कवियत्री से प्यार
दिलो जान से उस पर हुआ निसार
कवि का एकतरफा दिल, गया मचल
हास्य छोड़कर, वो लिखने लगा गजल
गजल लिखकर कवियत्री को पोस्ट करने लगा
जिस कवि सम्मेलन मै कवियत्री हो, उसे होस्ट करने लगा
कवि सम्मेलन मै कवियत्री आये
इस चक्कर मै उसने अनेक कवि सम्मेलन अपनी जेब से करवाये
कवि उस पर बुरी तरह मरने लगा
उसकी कविता पर कुछ ज्यादा ही बाह बाह करने लगा
उनका सानिध्य पाने की हर कोशिश…
ContinueAdded by Dr.Ajay Khare on March 6, 2013 at 11:55am — 11 Comments
बजट 2013
लो आ ही गया नवीन बजट
कुछ खिले चेहरे, कुछ गए लटक
शक्कर महंगी, पत्ती सस्ती
बजट हुआ चुनावी कश्ती
गाड़ी लेना है आसान
बढ़ा दिए पेट्रोल के दाम
मँहगा हुआ रेल सफ़र
महगाई से झुकी कमर
चढ़ा सीमेंट उतरा लोहा
मँहगा हो गया कोकोकोला
शून्य व्याज पर मिलेगा लौन
सबके हाथ मै होगा फोन
सस्ती गैस महँगा राशन
बचा रहे अपना…
ContinueAdded by Dr.Ajay Khare on March 1, 2013 at 3:30pm — 4 Comments
कटोरा
शादी मै लड़के के पिता ने दिखाया तेज,
माँगा भारी भरकम दहेज़,
गाड़ी एल इ डी सोना चाँदी की सूची थमाई,
डायमंड रिंग से होगी सगाई,
लड़की को ये बात न हुई गवारा,
चढ़ गया उसका पारा,
दहेज़ की बात ने उसको झकझोरा,
उसने लड़के के बाप को थमाया कटोरा,
कृपया रुखसत हों,,
इसी में समझदारी
आप रिश्ते योग्य नहीं,,
आप है भिखारी
Dr.Ajay.Khare Aahat
Added by Dr.Ajay Khare on February 23, 2013 at 1:30pm — 9 Comments
दलाली
जब अफसर के बेटे की एक लड़की से आँख लड़ गई,
आँखों के जरिये वो दिल मे उतर गई,
नाम पूछने पर लड़की ने रिश्वत बताया,
लड़के को ठंड मे भी पसीना आया,
हाथ जोड़कर लड़का…
Added by Dr.Ajay Khare on February 20, 2013 at 3:00pm — 6 Comments
सॉहब गान (जन हित मे जारी)
सर आप महान है
हम आपकी संतान है
आप हमारे राजा राम
हम आपके हनुमान है
सर आप महान है
आपके अधीनस्थ है यही अभिमान है
खुफिया है आपके, आपके ही कान है
आपकी खुराक का हमे पूरा घ्यान है
आप हमारे सेनापति हम आपके जवान है
सर आप महान है
आपके के कारण कार्यालय का नाम है
आपकी कार्यशैली का सब करते गुणगान है
बड़े बड़ों नेताओं से आपकी…
ContinueAdded by Dr.Ajay Khare on February 12, 2013 at 12:30pm — 9 Comments
लोकायुक्त का छापा
नाम से ज़्यादा अहम, होता कवियों का उपनाम
उपनाम कवियों को देते,एक नई पहचान
सलिल, सरल, प्यासा, घायल, आहत, अटल, अचल
एक कवि ने नाम में जोड़ा, कवि करोड़ीमल
कवि करोड़ीमल थे फक्कड़ और बिंदास
पैसा रुपया धन दौलत न…
Added by Dr.Ajay Khare on February 8, 2013 at 12:30pm — 7 Comments
तू तू मैं मैं
पति पत्नीं में होता प्यार वेसुमार
प्यार ही प्यार में होती तकरार
तकरार से संबंधों में आता निखार
तकरार से धुल जाता दिल का गुबार
प्राय: पति सदैव रहता खामोश
बस यदा कदा ही जताता आक्रोश
आपके कारण जिन्दगी मेरी नाश हो गई
हर बक्त तुम चुभने वाली फाँस हो गई
पल पल जलाती हो तुम मेरा खून
नहीं रहा जीवन में चैनोंसुकून
खुशहाल जिन्दगी उदास…
ContinueAdded by Dr.Ajay Khare on February 7, 2013 at 1:00pm — 8 Comments
उन्होंने अवकाश हेतु आवेदन पहुँचाया
अधिकारी का सर चकराया
लिखा था प्रार्थी की मां का स्वास्थ वेहद नाजुक है
स्थिति अत्यंत गंभीर है
कोई रिस्पांस नहीं दे रही है
बस अंतिम सांसे ले रही है
त्याग दिया हे जल अन्न
बिलकुल हे मरणासन्न
चिकित्सकों के सारे प्रयास व्यर्थ है
अतः हम आगामी पांच दिवस कार्यालय आने में असमर्थ है
अधिकारी ने उनके अवकाश का रिकॉर्ड खुलवाया
व बिगत दो बर्षों में उनकी दो माताओं को मृत…
Added by Dr.Ajay Khare on February 4, 2013 at 1:00pm — 3 Comments
बधू चाहिए, बधू चाहिए
अपने लल्ला के लिए एक बधू चाहिए
सुंदर सुशील पढ़ी लिखी गृह कार्य में दक्ष
सीता गीता रीता या मधु चाहिए
दहेज़ चाहिए न दान चाहिए
आपका प्यार व सम्मान चाहिए
लल्ला हमारा है गुणों की खान
देखने में लगता है सलमान खान
बी ई की पढ़ाई करी है
हमने लाखों में फीस भरी है
अच्छे पैकेज का वो कर रहा वेट
शादी में…
ContinueAdded by Dr.Ajay Khare on January 30, 2013 at 11:00pm — 8 Comments
बिछोह
कभीसोचा न था जो हुआ
कल्पना से परे
ये तुमने किया
यकीन नहीं
होगा भी क्यों
तुम ही तो थी मेरा बिश्वास
दिल के सबसे पास
सांसो में वास
सिर्फ तुम्हारा अहसास
बक्त जो गुजारा हमने
देखे थे सपने
सव नेस्तनाबूद
ख़त्म मेरा बजूद
कहा था तुमने में तुम बनेगें हम
किन्तु सब ख़तम
जरुर छीड़ पड़ी तुम्हारी स्मरण शक्ति
मेरा प्यार भक्ति
तुम वेबफा हो जानता नहीं
तुमने छल किया…
ContinueAdded by Dr.Ajay Khare on January 21, 2013 at 5:45pm — 6 Comments
दिल मिले या ना मिले हाथ मिलाते रहिये,
प्यार की रस्म को आगे बढ़ाते रहिये |
अंधेरों मे ही ना गुजर जाय जीवन का सफ़र,
प्यार की शमा को दिल मे जलाते रहिये |
रहता यूँ चमन मे बिजलियों के गिरने का डर,
चाहत के फूलों को दिल मे खिलाते रहिये |
रोने गाने मे हो ना जाएँ सारी उमर तमाम,
उलफत के जाम को खुद पीकर पिलाते रहिये |
चले है जब तो मिल ही जाएगी मंज़िल हमको
अलबिदा कहते हुए हाथ हिलाते रहिये |
Added by Dr.Ajay Khare on January 10, 2013 at 2:30pm — 3 Comments
नूतन बर्ष
आओ करें अमृत मंथन
जीवन के संघर्ष मे
दिल मे कुछ संकल्प ले
इस नूतन वर्ष में
सोचें सदा वतन हित में
देशभक्ति हो मन चित में
परस्पर सदभाव हो
विकाश से लगाव हो
देश को खुशहाल बनाएँ
भ्रष्टाचार दूर भगाएँ
खुशियों से भरा हो दामन
फिंजा देश की हो मनभावन
प्रगतिशील बढ़ चले कारवाँ
निकृष्ट से उत्कर्ष में
कल्याणकारी बयार बहे
इस नूतन बर्ष में
Dr.Ajay Khare Aahat
Added by Dr.Ajay Khare on December 28, 2012 at 12:29pm — 4 Comments
फुसलाने निकले
हम जिनको समझाने निकले
वो हमसे भी सयाने निकले
अनजाना समझा था जिनको
सब जाने पहचाने निकले
चेहरों पर लेकर खुशी
दर्द को छिपाने निकले
जिनको हमदम मान लिया था
दुश्मन वही पुराने निकले
जब पीने की दिल मे ठानी
बंद सभी मयखाने निकले
स्वांग ग़रीबी का करते थे
उनके घर तहख़ाने निकले
अब चुनाव जब सर पे आया
तो लोंगो को फुसलाने निकले
Dr. Ajay Khare Aahat
Added by Dr.Ajay Khare on December 24, 2012 at 12:00pm — 11 Comments
सब बिकाऊ हे
बाज़ार में आज सब बिक रहा है
होता हे कुछ और कुछ दिख रहा है
दाम हो तो बोली लगाओ चाँद की
आसमान भी शर्म से अब झुक रहा है
बाज़ार में आज--------------
ईमान बिक रहा हे जमीर बिक रहा है
मजहव के नाम पर दाँव फिक रहा है
सम्मान की तो सरेआम होती नीलामी
सदभाव बहा देती सम्प्रदायिकता की सुनामी
बाजारू दलाल फलफूल रहा है
बाज़ार में आज-----------
बदन बिक रहा हे सदन बिक रहा है
लोकतंत्र की नई परिभाषा लिख रहा…
Added by Dr.Ajay Khare on December 19, 2012 at 12:00pm — 2 Comments
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