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लोकायुक्त का छापा

लोकायुक्त का छापा

नाम से ज़्यादा अहम, होता कवियों का उपनाम
उपनाम कवियों को देते,एक नई पहचान
सलिल, सरल, प्यासा, घायल, आहत, अटल, अचल
एक कवि ने नाम में जोड़ा, कवि करोड़ीमल
कवि करोड़ीमल थे फक्कड़ और बिंदास
पैसा रुपया धन दौलत न थी उनके पास
कवि ह्रदय की शान में फिर भी,कमी ना आई
लेते थे जिसका देते थे पाई पाई
नाम से भ्रमवश उनके यहाँ पहुँचा,लोकायुक्त का दल
जानकर गदगद हुए कवि करोड़ीमल
छानबीन में दल के कुछ हाथ ना आया
गुस्से में वो बोले कहाँ छुपाई माया
शहर में आपके नाम की हो रही है चर्चा
बताएँ, आय के स्रोत, कितना करते है खर्चा
तव कविबर ने उन्हे एक पांडुलिपि थमाई
बोले ,यही है मेरी दौलत ,मेरे जीवन भर की कमाई
लाखों दिलों में कविता मेरी पैदा करती हलचल
करोड़ों की रचनाएँ हमारी फिर भी मैं हूँ निश्च्छल
आय से अधिक संपत्ति का, मैं ने जोड़ा है भंडार
अतः श्रीमान वेशक मुझे, आप करे गिरफ्तार
या लाख रुपये लेकर मसले का कर दीजै निष्पादन
राज़ी हों तो लाख की कविता का, कर देता हूँ पाठन
दल ने दहशत में हाथ जोड़कर माँगी माफी
छमा करें कविराज लाख रुपये रहने दीजिए बाकी
साहित्य रूपी धन का, आप करते वारे न्यारे
भूल हुई हमसे ,जो कवि घर पधारे
Dr.Ajay Khare Aahat

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Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on February 15, 2013 at 4:55pm

आदरणीया डॉ अजय जी ...अपना नाम खोजते मै  भी आ   धमका कहीं मेरा नाम देख  उचक्के न पड़  जाएँ पीछे की भ्रमर है तो कुछ  पराग मधु का व्यापर तो होगा ही है बड़ा पहरा है आज कल ...

सुन्दर हास्य व्यंग्य का पुट  लिए रचना 
जय श्री राधे 
भ्रमर 5 
Comment by Dr.Ajay Khare on February 12, 2013 at 2:55pm

MANJARI MAM SAHITY ROOPI DHAN ANMOL HOTA HE JISKO AANKNA MUSKIL HAI PESA RUPYA ESKE SAMNE FEEKA HAI YAHI KAVI KI MANYTA HAI

Comment by Abhinav Arun on February 12, 2013 at 2:03pm

वाह अच्छा है नयी हवा के झोंके समान ताजगी है इस रचना में हार्दिक बधाई श्री अजय जी !!

Comment by mrs manjari pandey on February 12, 2013 at 12:58pm

 नादिर खान जी ,अच्छा शेर -      धरम बेचते हैं   ये धरम के पुजारे , हमें लूटते हैं रक्षक हमारे।

Comment by mrs manjari pandey on February 12, 2013 at 12:50pm

लोकायुक्त का  छापा तो सही था पर आजकल सब फक्कड़ कवि  नहीं हैं . पढ़ कर अच्छा  लगा

Comment by Dr.Ajay Khare on February 12, 2013 at 11:28am

Adarniya Pandey ji hosla afjai hetu sadhubaad


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 11, 2013 at 11:56pm

भई अजय खरे साहब. बहुत रोचक हास्य रचना हुई है. बहुत-बहुत बधाई. आगे भी आपसे इसी तरह की रचना की अपेक्षा रहेगी.

हार्दिक बधाई.

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