जिन्दगी में ये सब होना ही था
हर ख़ुशी की चाह मे रोना ही था
रिश्ते नाते प्यार वादों का महल
टुटा खंडहर एक दिन होना ही था
दूसरों के बोझ ढोते रह गए
अपने गम का बोझ भी ढोना ही था
दौड़ मे मंजिल भी पीछे रह गई
कारवां का साथ भी खोना ही था
भरम की दुनिया मे जाकर खो गए
सामना हकीकत से होना ही था
खुशियों के सारे जतन कर थक गए
जो लिखा किस्मत में वो होना ही था
Dr.Ajay.Khare Aahat
Comment
डाक्टर जी..माना की गम बहुत है दुनिया में . अगर एक एक पल को खुश होकर जिया जाय तो तकलीफ़ अपने आप कम हो जाती हैं. ऐसा मैं मनती हूँ.
dandeep ji sadubad
सच कहा आपने जो लिखा वो तो होना ही था
वाह उम्दा भाव हैं बधाई हो
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