For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भावना तिवारी
  • Female
  • नोयडा NOIDA
  • India
Share on Facebook MySpace

भावना तिवारी's Friends

  • atul kushwah
  • Pragya Srivastava
  • D P Mathur
  • Hareshkananai
  • ASHISH KUMAAR TRIVEDI
  • Tushar Raj Rastogi
  • Mahadev Purohit
  • Ashutosh Tripathi
  • Meena Pathak
  • आशीष नैथानी 'सलिल'
  • aman kumar
  • पीयूष द्विवेदी भारत
  • Neelkamal Vaishnaw
  • Dr.Ajay Khare
  • राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
 

भावना तिवारी's Page

Profile Information

Gender
Female
City State
KANPUR
Native Place
NOIDA
Profession
POETSS
About me
शब्दों से परे...भावना .... अंतर्मन की अकुलाहट,अंतस की व्याकुलता मुखर होकर जब शब्दों में ढल जाती है जब मन-मस्तिष्क से ऊपर उठता है भावनाओं का ज्वार ..भीतर की छटपटाहट शब्दों की चादर से बाहर भागने लगती है ... मेरे गीत जन्म लेते हैं .. ..!!

भावना तिवारी's Photos

  • Add Photos
  • View All

भावना तिवारी's Blog

नवगीत // भावना तिवारी

व्याकरण में ही 
उलझ कर ,
रह गईं सब…
Continue

Posted on June 7, 2013 at 7:46pm — 11 Comments

गीत

आज फिर बरसे हैं
बादल जोर से.
मन बहकने सा लगा है ...!!
 …
Continue

Posted on June 6, 2013 at 7:30pm — 15 Comments

प्रेम का प्रारब्ध

अश्रुओं से सींचता 

हर स्वप्न मन का ,

प्रेम का प्रारब्ध 

परिवर्तित विरह में ,

इन्द्र धनुषी हास 

अधरों के निकट आ,

दे रहा प्रतिक्षण 

प्रशिक्षण वेदना को !…

Continue

Posted on May 1, 2013 at 9:30pm — 11 Comments

एक नज़्म ...तुम्हारे नाम

आज की रात बहुत भारी है 

पीर है या कि जैसे आरी है !! 

आती जाती हुई साँसों में दम निकलता है,

लम्हाँ-लम्हाँ तुम्हें पाने को दिल मचलता है !   

गहरे सन्नाटे में हर ओर तेरी आवाज़ें..

इस अंधेरे में जागतीं हैं कुछ तेरी यादें !

मेरी आँखों में तडपते…
Continue

Posted on February 2, 2013 at 11:30am — 16 Comments

Comment Wall (1 comment)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 4:32pm on November 28, 2012, Pankaj Trivedi said…

भावना जी,

आपका ओपन बुक ओनलाइन में आपका स्वागत है...

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
10 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"अच्छी रचना हुई है ब्रजेश भाई। बधाई। अन्य सभी की तरह मुझे भी “आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा”…"
12 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"बेहतरीन अशआर हुए हैं आदरणीय रवि जी। सभी एक से बढ़कर एक।"
12 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"अच्छी ग़ज़ल हुई है नीलेश नूर भाई। बहुत बधाई "
12 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आभार रक्षितासिंह जी    "
16 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"अच्छे दोहे हुए हैं भाई लक्ष्मण धामी जी। एक ही भाव को आपने इतने रूप में प्रकट किया है जो दोहे में…"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. रक्षिता जी, दोहों पर उपस्थिति, और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
17 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"सधन्यवाद आदरणीय !"
18 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"बहुत खूब आदरणीय,  "करो नहीं विश्वास पर, भूले से भी चोट।  देता है …"
18 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"सधन्यवाद आदरणीय,  सत्य कहा आपने । निरंतर मनुष्य जाति की संवेदनशीलता कम होती जा रही है, आज के…"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. रक्षिता जी, एक सार्वभौमिक और मार्मिक रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
19 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"सादर प्रणाम,  आदरणीय"
19 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service