Added by भावना तिवारी on June 7, 2013 at 7:46pm — 11 Comments
Added by भावना तिवारी on June 6, 2013 at 7:30pm — 15 Comments
अश्रुओं से सींचता
हर स्वप्न मन का ,
प्रेम का प्रारब्ध
परिवर्तित विरह में ,
इन्द्र धनुषी हास
अधरों के निकट आ,
दे रहा प्रतिक्षण
प्रशिक्षण वेदना को !…
ContinueAdded by भावना तिवारी on May 1, 2013 at 9:30pm — 11 Comments
Added by भावना तिवारी on February 2, 2013 at 11:30am — 16 Comments
रोटियाँ सिंक रहीं हैं ..!
उठती भाप,
बढ़ता ताप,
खौलता धमनियों में खून
मचल पड़ते नाखून
खरोंचने को ...खुद को
चिमटा,बेलन घर के अपने थे
आग पर चढ़ा दिया
जला दिया
इच्छाओं को ..
मैं चुपके से देखती हूँ
इन रोटियों में अक्स अपना !!
आती जाती हर आँख
सेंकती नज़र आती है रोटियाँ
भीतर उठता है धुआँ
और गहरे डूब जातीं हैं
भूख में मौन मन
विवश
देखता है
रोटियाँ सिंक रहीं हैं ..!!
~भावना
Added by भावना तिवारी on February 1, 2013 at 8:46am — 9 Comments
Added by भावना तिवारी on January 30, 2013 at 12:16pm — 10 Comments
धीर धरे चुप गहन कूप
होतीं हैं बेटियाँ ../
गंगा की जलधार सीं ,
अर्घ्य की पावनधार सीं ,
जीवन के आधार सीं .
भोर सजीली भक्ति रूप
होतीं हैं बेटियाँ ..!!
सुभग अल्पना द्वार कीं,
सजतीं वंदनवार सीं/
महकें हरसिंगार सीं ,
जीवन भर की छाँह -धूप
होतीं हैं बेटियाँ ..!!
बाबा के सत्कार सीं ,
मर्यादा परिवार कीं ,
बेमन हैं स्वीकार सीं ,
धीर धरे चुप गहन कूप
होतीं हैं बेटियाँ ...!!!
Added by भावना तिवारी on January 14, 2013 at 1:00pm — 11 Comments
नोंच डालो ,
अस्मिता को ,बेच डालो ,
हम यही कहते रहेंगे
मौन का ...
इम्तिहान न लो ..!!
सूरज से युद्ध
करने का दुस्साहस
करता जुगनू प्रतिदिन
आकाश बँधाता ढाढस
ज़ुल्म हम सहते रहेंगे ,
हम यही कहते रहेंगे
शौर्य का
अनुमान न लो ..!!
चीखती रह जाएँगीं
विधवा घाटियाँ
जर्जर सी छत की
छूट गईं लाठियाँ
प्रतीक्षारत ,आक्रमण का
अनुचित परिणाम न हो
हम यही कहते रहेंगे ,
हौसले का ,
अनुमान न लो ..!!
मौन का,इम्तिहान न…
Added by भावना तिवारी on January 10, 2013 at 2:30pm — 5 Comments
हँस-हँस कर करते हैं आँसू ,सुख दुःख का व्यापार ,
बाहर वाली चौखट दुखती , चुभते वन्दनवार !!
मुरझाकर भी हर पल सुरभित ,पात-पात साँसों का,
मन को मजबूती देता है ,संबल कुछ यादों का !
क्षण भर हँसता,बहुत रुलाता,कुछ अपनों का प्यार ,
सारी उमर बिता कर पाया,यह अद्भुत उपहार ..!!
सिहरन नस-नस में दौड़े जब,हाँथ हवा गह जाती,
गुजरी एक जवानी छोटी, बड़ी कहानी गाती !
यूँ तो गँवा चुके हैं अपनी,सज धज सब श्रृंगार ,
है अभिमान अभी तक करता,नभ झुककर सत्कार…
Added by भावना तिवारी on January 9, 2013 at 2:00pm — 8 Comments
Added by भावना तिवारी on January 3, 2013 at 1:00pm — 10 Comments
-1-
बीज रूप ॐ मिला,जग को आधार मिला,
शक्ति रूप में हुआ है,तेरा विस्तार माँ !
हर युग में कपूत , देते रहे कष्ट धूप ,
उनका भी हित…
Added by भावना तिवारी on December 1, 2012 at 1:46pm — 11 Comments
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