For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कब होंगीं बातें 

क्या जाने ..!!
 
खटरागों से 
भरी जिंदगी ,
बिसरा प्रेम 
और बंदगी !
जिनमें हम-तुम 
मिल खो जाएँ ,
कब होंगीं रातें ,
क्या जाने ..!!
वही साँझ हैं 
वही दिवस हैं,
क्यों लगता हम 
बहुत विवश हैं !
चाँद,चाँदनी से 
मिलकर कब ,
देगा सौगातें 
क्या जाने ..!!
 -भावना-

Views: 464

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by upasna siag on February 1, 2013 at 5:04pm

बहुत सुन्दर  अभिव्यक्ति 

Comment by Ashok Kumar Raktale on January 31, 2013 at 10:12pm

आदरणीया डॉ. भावना तिवारी जी सादर, सुन्दर भावपूर्ण गीत पर बधाई स्वीकारें.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 31, 2013 at 12:19pm

सुन्दर भाव सम्प्रेषण के लिए बधाई डॉ. भावना तिवारी जी 

Comment by Pankaj Trivedi on January 30, 2013 at 10:20pm

बहुत सुंदर भावों से सजी रचना


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 30, 2013 at 10:18pm

अपनी भावनाओं को शब्द देती रहें.. . शुभेच्छाएँ.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 30, 2013 at 9:15pm

किसी भी सहायता हेतु आप टीम ओ बी ओ (जो भी ऑनलाइन हो) सदस्यों से सहयोग ले सकती हैं । टीम ओ बी ओ के सदस्यों का नाम आप टैब "OBO टीम" क्लिक कर देख सकती हैं ।

Comment by भावना तिवारी on January 30, 2013 at 8:36pm

आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया ...मैं यहाँ ठीक से समझ नहीं पा रही हूँ ....कि संचालन कैसे किया करूँ ..इसी कारण प्रतिक्रियाएँ भी नहीं दे पाती हूँ ...Rajesh Kumar Jha जी मुझे नहीं ज्ञात कि ऐसा क्यूँ है ...शायद मुझसे कहीं कुछ गलती हो रही होगी ....!!

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on January 30, 2013 at 6:22pm

क्या भाव हैं बहुत सुन्दर बधाई हो

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 30, 2013 at 1:21pm

भावनाओ का अच्छा तन बुना है, भावना जी, बधाई 

Comment by राजेश 'मृदु' on January 30, 2013 at 1:15pm

बहुत सुंदर लिखा है आपने पर ताज्‍जुब है यह मुझे दिख नहीं रहा, आपके शेयर लिंक पर देखा तो पढ़ा ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब जब मलाई लिख दिया गया है यानी किसी प्रोसेस से अलगाव तो हुआ ही है न..दूध…"
15 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
Monday
Shabla Arora updated their profile
Monday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service