For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

धीर धरे चुप गहन कूप
होतीं हैं बेटियाँ ../
गंगा की जलधार सीं ,
अर्घ्य की पावनधार सीं ,
जीवन के आधार सीं .
भोर सजीली भक्ति रूप
होतीं हैं बेटियाँ ..!!
सुभग अल्पना द्वार कीं,
सजतीं वंदनवार सीं/
महकें हरसिंगार सीं ,
जीवन भर की छाँह -धूप
होतीं हैं बेटियाँ ..!!
बाबा के सत्कार सीं ,
मर्यादा परिवार कीं ,
बेमन हैं स्वीकार सीं ,
धीर धरे चुप गहन कूप
होतीं हैं बेटियाँ ...!!!

Views: 624

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अरुन 'अनन्त' on January 17, 2013 at 11:01am

बेहद सुन्दर और सुखदाई गीत हार्दिक बधाई आदरणीया

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on January 16, 2013 at 9:25pm

अत्यन्त भावपूर्ण रचना.........भावना जी हार्दिक बधाई स्वीकारें !!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on January 16, 2013 at 8:40am

बहुत सुन्दर भावपूर्ण शब्दों की लडियां पिरोई हैं बेटियों के लिए इस रचना में दिल को छू गई बहुत बहुत बधाई 

Comment by vijay nikore on January 15, 2013 at 6:16pm

मर्यादा परिवार कीं ,
बेमन हैं स्वीकार सीं ,
धीर धरे चुप गहन कूप
होतीं हैं बेटियाँ ...!!!

अत्युत्तम भाव हैं।

बधाई।

विजय निकोर

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on January 15, 2013 at 3:52pm

बहुत सुन्दर बात कही है आपने एकदम सरल शब्दों में बेटियों के लिए लिखी अनुपम रचना बधाई हो

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 15, 2013 at 10:58am

भावना जी, सुन्दर भाव, हार्दिक बधाई, दरअसल बेटी शब्द ही सुन्दर भाव का अहसास करता है 

सरिता सी बहती, बहती ही जाती 
पराये घर को भी सहेजती, अपनाती 
सीधी सरल, बल खाती भी चलती जाती 
पलती पोषण करती, न घबराती बेटियाँ 
मरकर भी देजाती दामिनी से ये बेटियाँ - लक्ष्मण लड़ीवाला 

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 15, 2013 at 9:50am

बहुत प्रेम पूर्वक, शब्द शब्द में अनुभूति को ढाल कर बेटियों के लिए लिखी गयी इस रचना के लिए हार्दिक बधाई डॉ भावना तिवारी जी 

Comment by Pankaj Trivedi on January 14, 2013 at 11:31pm

भावना, बेटियाँ .... मेरी दो-बेटियाँ है... बड़ी कोमल और संवेदनशील.... प्रत्येक शब्द महसूस करता हूँ .. सुंदर गीत


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 14, 2013 at 11:22pm

बेटियों के प्रति भावभरी पंक्तियों के लिए हार्दिक बधाई, भावनाजी, और इस प्रस्तुति हेतु अनेकानेक शुभकामनाएँ.. .

Comment by Ashok Kumar Raktale on January 14, 2013 at 10:29pm

बेटियों कि परिवार में स्थिति पर लिखी सुन्दर रचना के लिए बधाई स्वीकारें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"बहुत बेहतरीन ग़ज़ल। एक के बाद एक कामयाब शेर। बहुत आनंद आया पढ़कर। मतले ने समां बांध दिया जिसे आपके हर…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब जब मलाई लिख दिया गया है यानी किसी प्रोसेस से अलगाव तो हुआ ही है न..दूध…"
23 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
Monday
Shabla Arora updated their profile
Monday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service