For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अथिति देबोभवा

पहले की सोच

अथिति होता था भगवान्

घर में होती थी खुशियाँ

और बनते थे पकबान

बदला अब परिवेश और

 बदल गई हे सोच

इस्नेक्स में सिमट गया

पहले का प्रीतभोज

प्रथम दिवश तो गर्मजोशी से

 होती खातिरदारी

दुतीय दिवश से आवभगत में

चलने लगती आरी

कल तो खाए मालपुए

रसगुल्ले मैसुरपाग

आज पतली दाल हे

और कद्दू की साग

कद्दू की साग होता

जाने का निवेदन

क्योंकि कमर तोड़ महगाई में

 कम पड़ता हे बेतन

तृतीय दिवश पूंछा जाता

क्या खिचड़ी खाओगे

अतिथि देवो भव चुके

किस गाड़ी से जाओगे

एह्तेयातन होती दुआर पर

तख्ती या दरवान

आगंतुक या मेहमान

हम कुत्तों से सावधान

Dr.Ajay Khare

Views: 555

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 16, 2012 at 1:13pm

सर त्रुटियों के कारण रचना का मज़ा किरकिरा हो रहा है,  सर यह सिर्फ मेरा मानना है इसे अन्यथा न लें सादर

Comment by Dr.Ajay Khare on December 16, 2012 at 10:13am

Adarniya bagi ji abhi suruaat he aap sabhi ke margdarshan and prerna se nikhaar aayega bas aap isi tarah kaan khichte rahiye danyabaad


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 16, 2012 at 10:09am

हड़बड़ी में गड़बड़ी

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on December 15, 2012 at 8:10pm

यही है आधुनिक महमान बाजी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय जयनित कुमार मेहता जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की इस्लाह क़ाबिले गौर…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय अमीर जी नमस्कार बहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये बहुत कुछ सीखने को मिलता है…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की इस्लाह से और भी निखर गयी…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय जयनित जी नमस्कार बहुत शुक्रिया आपका सादर"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय अमीर जी नमस्कार बहुत शुक्रिया आपका, सुधार की कोशिश की है। सादर"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय अमित जी नमस्कार बहुत शुक्रिया आपका बारीक़ी से ग़ज़ल की त्रुटियाँ समझाने और इस्लाह के…"
4 hours ago
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय ऋचा जी, सादर नमस्कार! तरही मुशायरे में ग़ज़ल का प्रयास अच्छा हुआ है, बाकी अमित जी ने…"
5 hours ago
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, सादर नमस्कार! तरही मुशायरे में ग़ज़ल का प्रयास अच्छा हुआ है, ग़ज़ल को थोड़ा…"
5 hours ago
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, आदाब! उम्दा ग़ज़ल से तरही मुशायरे की शुरुआत करने पर हार्दिक बधाई आपको।"
5 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"जी आदरणीय बहुत अच्छी इस्लाह है। बहुत बहुत शुक्रियः"
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service