For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")


► हूँ अभी गर्भ में ::: ©

हूँ अभी गर्भ में
ले रही आकर
हुआ ही है शुरू
स्पंदन ह्रदय का
कि जान लिया
कौन हूँ मैं
जताने लायक
हैं यंत्र नए
क्या करती

तैयार हूँ कट जाने को
आएगा जोड़ा यंत्रों का
होगी कोख कलंकित
कर रहे हैं पुर्जा-पुर्जा
अलग मुझे माँ से
न सोच न ही समझ है मुझे
करूँ क्रंदन कैसे
पर दर्द समझती हूँ
तडपा रहा कटना अंगों का
बिन शब्द
बे-आवाज़ होता करुण क्रंदन
क्या सुन पायेगा कोई.....?

लेते ज़न्म जिस कोख से
काट रहे वे
जन्मती इक नयी कोख
माँ..!! मैं तेरा अंतर हूँ
क्यूँ ना पसीजता
ह्रदय तेरा भी

सज जाते कटे अंग
धवल तस्तरी में
बंद फिर छोटे बोरे में
किसी नाले की शोभा बढ़ाते
शांत हूँ अब
लग रहा जीवन सार्थक
काम आना है
कुछ वक़्त मुझे भी
बुझा क्षुधा अपनी
खुश हैं जल-जंतु
पड़े प्रतीक्षा में
एक नए स्त्री बिम्ब की...!!

_____जोगेंद्र सिंह ( 19 मई 2010_02:21 am )

► नोट :- मेरी मित्र रोली पाठक द्वारा एक असली किस्सा बताया गया था जिसमें भोपाल में उसके घर के पास वाले नाले में पौलिथिन में लिपटे किसी कन्या भ्रूण को पाया गया था... इस घटना का हम पर जो असर हुआ उसी के फलस्वरूप एक कविता रोली ने लिखी और एक मैंने..... मेरी लिखी पुरानी कविता को अबॉर्शन वाली फोटो के कारण फेसबुक वालों ने हटा दिया सो बदले में इसे फिर से नए रूप से आपके लिए लिख दिया कि कहीं शायद आपमें से किसी के प्रयास से आगे कोई एक भी भ्रूण-हत्या होने से रुक सके..... !!
_____________________________________________

मेरी यह कविता पूर्व में नवभारत टाईम्स में भी प्रकाशित हो चुकी है ...
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/6031461.cms
_____________________________________________

Views: 487

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह on November 4, 2010 at 2:36am
गणेश जी ...
सरहना के लिए आभार सहित धन्यवाद ... फोटो हटाने का कारण फेसबुक वालों की तरफ से उसका वीभत्स एवं रक्त-रंजीत होना था... जबकि मेरा कहना है कि जिस फोटो को हम देख नहीं सकते उस तरह का कांड करने से तो पक्का लोग डरेंगे ही... सो उसे हटाना गलत ही था...

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 3, 2010 at 9:43pm
प्रयास सराहनीय है, फेस बुक वाले फोटो के कारण रचना हटा दिये आश्चर्यजनक है क्यू की एक से एक पोर्न फोटो फेस बुक पर होते है , कल ही मैने एक मित्र के मित्र का प्रोफाइल देख रहा था फेस बुक पर वहा पोर्न फोटो लगा हुआ था |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"आदरणीय अखिलेश से सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी । "
16 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी । "
17 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 165

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ चौसठवाँ आयोजन है।.…See More
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
17 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"आदरणीय सुशील जी, आदरणीय भाईजी सादर गर्भित कुंडलियां के लिए हार्दिक बधाई  लो  जीजा…"
18 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
" आदरणीय लक्ष्मण भाईजी प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद"
18 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी ंसतरंगी होली पर सुंदर दोहावली के लिए हार्दिक बधाई"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर छन्द हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं, हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। बहुत मनमोहक रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"कुंडलिया. . . . होली होली  के  हुड़दंग  की, मत  पूछो  कुछ बात ।छैल - …"
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"होली के रंग  : घनाक्षरी छंद  बरसत गुलाल कहीं और कहीं अबीर है ब्रज में तो चहुँओर होली का…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service