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► हूँ अभी गर्भ में ::: ©

हूँ अभी गर्भ में
ले रही आकर
हुआ ही है शुरू
स्पंदन ह्रदय का
कि जान लिया
कौन हूँ मैं
जताने लायक
हैं यंत्र नए
क्या करती

तैयार हूँ कट जाने को
आएगा जोड़ा यंत्रों का
होगी कोख कलंकित
कर रहे हैं पुर्जा-पुर्जा
अलग मुझे माँ से
न सोच न ही समझ है मुझे
करूँ क्रंदन कैसे
पर दर्द समझती हूँ
तडपा रहा कटना अंगों का
बिन शब्द
बे-आवाज़ होता करुण क्रंदन
क्या सुन पायेगा कोई.....?

लेते ज़न्म जिस कोख से
काट रहे वे
जन्मती इक नयी कोख
माँ..!! मैं तेरा अंतर हूँ
क्यूँ ना पसीजता
ह्रदय तेरा भी

सज जाते कटे अंग
धवल तस्तरी में
बंद फिर छोटे बोरे में
किसी नाले की शोभा बढ़ाते
शांत हूँ अब
लग रहा जीवन सार्थक
काम आना है
कुछ वक़्त मुझे भी
बुझा क्षुधा अपनी
खुश हैं जल-जंतु
पड़े प्रतीक्षा में
एक नए स्त्री बिम्ब की...!!

_____जोगेंद्र सिंह ( 19 मई 2010_02:21 am )

► नोट :- मेरी मित्र रोली पाठक द्वारा एक असली किस्सा बताया गया था जिसमें भोपाल में उसके घर के पास वाले नाले में पौलिथिन में लिपटे किसी कन्या भ्रूण को पाया गया था... इस घटना का हम पर जो असर हुआ उसी के फलस्वरूप एक कविता रोली ने लिखी और एक मैंने..... मेरी लिखी पुरानी कविता को अबॉर्शन वाली फोटो के कारण फेसबुक वालों ने हटा दिया सो बदले में इसे फिर से नए रूप से आपके लिए लिख दिया कि कहीं शायद आपमें से किसी के प्रयास से आगे कोई एक भी भ्रूण-हत्या होने से रुक सके..... !!
_____________________________________________

मेरी यह कविता पूर्व में नवभारत टाईम्स में भी प्रकाशित हो चुकी है ...
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/6031461.cms
_____________________________________________

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Comment by Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह on November 4, 2010 at 2:36am
गणेश जी ...
सरहना के लिए आभार सहित धन्यवाद ... फोटो हटाने का कारण फेसबुक वालों की तरफ से उसका वीभत्स एवं रक्त-रंजीत होना था... जबकि मेरा कहना है कि जिस फोटो को हम देख नहीं सकते उस तरह का कांड करने से तो पक्का लोग डरेंगे ही... सो उसे हटाना गलत ही था...

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 3, 2010 at 9:43pm
प्रयास सराहनीय है, फेस बुक वाले फोटो के कारण रचना हटा दिये आश्चर्यजनक है क्यू की एक से एक पोर्न फोटो फेस बुक पर होते है , कल ही मैने एक मित्र के मित्र का प्रोफाइल देख रहा था फेस बुक पर वहा पोर्न फोटो लगा हुआ था |

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"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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