For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नफरत का अन्धकार यूं फैला दिखाई दे
नाम-ओ-निशान अमन का मिटता दिखाई दे !

काशी दिखाई दे कभी का'बा दिखाई दे,
नन्हा सा बच्चा जब कोई हँसता दिखायी दे !

जिनको भी ऐतमाद है अपनी उड़ान पर
उनको आसमान भी छोटा दिखाई दे !

वो शख्स जिसकी नींद ही खुलती हो शाम को,
उसको ये आफताब क्यूँ चढ़ता दिखाई दे !

खिड़की ही जब नहीं है कोई घर के सामने,
फिर कैसे भला चाँद का टुकड़ा दिखाई दे !

श्रद्धा नहीं तो हर नदी पानी के सिवा क्या ?
श्रद्धा हो ग़र तो हर नदी गंगा दिखाई दे

Views: 705

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on May 5, 2010 at 9:53am
भाई संजय सिंह जी, आपको मेरी ग़ज़ल पसंद आई - ज़र्रा नवाजी है आपकी ! हौसला अफजाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद !

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on May 5, 2010 at 9:51am
आदरणीय ADMIN जी, Open Book Inline परिवार का हिस्सा बनना मेरे लिए बायस-ए-नाज़ है ! सभी मित्रों ने जिस तरह दिल और बाहें खोलकर मुझ अदना को इतना मान दिया मैं उस के लिए हमेशा सब का शुकर-गुज़ार रहूँगा !

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on May 5, 2010 at 9:45am
मित्रवर श्री अमरेन्द्र कुमार जी, प्रीतम तिवारी जी, उस समय पंजाब प्रदेश में आतंकवाद का पूरे ज़ोरों पर था जब यह ग़ज़ल मैने कही थी ! पहला मतला उसी दुखद दौर कि तर्जुमानी करता है ! हौसला अफजाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद !
Comment by Admin on May 4, 2010 at 5:07pm
सर्वप्रथम ओपन बुक्स ऑनलाइन पर आपके पहले पोस्ट का तहेदिल से स्वागत है, बहुत ही अच्छा लगा जो आपने अपने खुबसूरत गजल से इस बगिया को महकाया, ये आपकी रचना बहुत ही उम्द्दा है, कुछ शेयर तो बिलकुल दिल को छूने वाली है, जैसे ....

काशी दिखाई दे कभी का'बा दिखाई दे,
नन्हा सा बच्चा जब कोई हँसता दिखायी दे !

श्रद्धा नहीं तो हर नदी पानी के सिवा क्या ?
श्रद्धा हो ग़र तो हर नदी गंगा दिखाई दे ,

ये दोनों शेयर तो बहुत ही मार्मिक बना है, कुल मिलकर ये एक शानदार रचना है, ऐसी रचनाओ का आगे भी हमे सिद्दत से इंतजार रहेगा, इस पोस्ट के लिये दिल से शुक्रिया ,
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on May 4, 2010 at 2:46pm
bahut badhiya yograj jee.......
नफरत का अन्धकार यूं फैला दिखाई दे
नाम-ओ-निशान अमन का मिटता दिखाई दे !
bahut acchi rachna hai ye aapki.....dhanyabaad yahan humlogo ke beech share karne ke liye...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आपके पूर्वाग्रह-रहित, सहजता से दिए गए मूल्यवान सुझाव किसी भी सच्चे   रचनाकर्मी को अनुचित…"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय तिलकराज भाईजी, आपके संचालन में इस मुशायरे का पहली बार आयोजन हुआ है. इस आयोजन में जिस उदार…"
10 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"हार्दिक आभार आदरणीय।"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"जय-जय.. शुभ-शुभ"
10 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"कभी-कभी परस्पर विश्वास में बात खुलकर रखने का साहस मिल जाता है और यहॉं जो सीखने-सिखाने की परंपरा रही…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गजेन्द्र भाई , खूबसूरत ग़ज़ल के लिए  आपको हार्दिक बधाईयाँ , गिरह खूब लगाई है , बधाई "
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण भाई आपका हार्दिक आभार "
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी रचनाधर्मिता ही नहीं, आपकी सदाशयता भी हमसभी के लिए अनुकरणीय…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय अजय भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका आभार , सलाह के अनुसार सुधार के लिए  प्रयास…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय शिज्जु भाई , आपने सही पहचाना , आपका हार्दिक आभार "
10 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"जो कुछ इस मंच से सीखा है, लिया है, उसका अंश मात्र भी लौटा सकूं तो स्वयं को धन्य मानूंगा आदरणीय। यह…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गुरप्रीत भाई , शारीरिक परेशानियों के चलते बहुत समय तक मंच से दूर रहा हूँ , अब फिर से प्रयास…"
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service