'दामिनी' चली गई दुनियां से
छोड़ गई कितने सवाल
क्या लड़की होना ही था
उसका घोर अपराध ?
जब तक फाँसी पर न लटकेंगे
उसके अपराधी
शांत न होगी रूह उसकी
कब होगा इन्साफ
कितने सपने संजोए होंगे
कितने देखे होंगे ख़्वाब
पूरे हुए,न रहे अधूरे
जिंदगी ने छोड़ा साथ
कानून की देवी की जो खुली न
अब भी अखियाँ बंद
तवाही मच जाएगी धरा पर
सब हो जाएगा बर्वाद
दीपक कुल्लुवी
29 दिसंबर 2012
Comment
sabka hardik dhanyabad
उसकी कुर्बानी ब्यर्थ न जाय! न्याय हो ...यही होगी सच्ची श्रद्धांजलि!
जो कुछ हुआ, वो अन्दर तक हिलाकर रख दिया, ऐसा लग रहा है जैसे हम सब दिन प्रतिदिन राक्षसी समाज का निर्माण कर रहे हैं, आखिर कैसे कोई इतना बहशी हो सकता है, जरुर उन सबके खून में दानवी लहू शामिल होगा |
भगवान दामिनी की आत्मा को शान्ति दे, और हमारे तंत्र को ऐसी इच्छा शक्ति दें कि उन कमीनों को फ़ासी पर शीघ्र लटका सके |
कानून की देवी की जो खुली न
अब भी अखियाँ बंद , कब होगा इन्साफ
BAHUT MARMIK
DHANYAWAD
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