For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पोखराज (राजेश कुमार झा)

बाबा आए, बाबा आए
भरे हुए दो झोले लाए

झोले में सपनों की बातें
तारों भरी सुहानी रातें

देख उन्‍हें राजू भी दौड़ा
कर्मकीट सा एक निगोड़ा

बाबा को 'पहुंचा' संत जानकर
उन्‍हें पूज्‍य भगवंत मानकर
चरण पकड़कर लगा कलपने
सूनी आंखें लगी बरसने

बोला 'बाबा हाथ देख दो'
कर्म-गति को तनिक हेर दो

परम रूप बाबा मुसकाए
सिर पर उसके हाथ फिराए

श्‍वांस छोड़ फिर गहरी बोले
राज हाथ के पल में खोले

'बच्‍चा तू तो नाम करेगा
पोखराज पहन ले, काम करेगा

सारे धन्‍ना सेठ पहनते
बड़े सियासी मेठ पहनते

ज्ञान धाम श्रीमंत पहनता
छोटा-बड़ा हर संत पहनता

गांव का ठेकेदार पहनता
एक नहीं दो-चार पहनता'

अश्रूपूर्ण दो नयन पोंछकर
बोला राजू तनिक क्षोभकर

'बाबा काहे जिया जलाते
जले बदन में आग लगाते

मेरे दुर्दिन बड़े भले हैं
बड़े भाग्‍य से मुझे मिले हैं

मैं निर्झर का बहता पानी
मुझे यही कहती थी नानी

इस नग से मैं नाग बनूंगा
अपने कुल का दाग बनूंगा

यह पोखराज वो गहना है
हर दलदल ने जिसको पहना है'

देकर उसको अपना इकतारा
बाबा ने अग-जग सब हारा

उसी धरा पर प्राण त्‍यागकर
चले गए वो परम धाम पर

जाते-जाते बोले इतना
'पोखराज नहीं कभी पहनना

तूने सच्‍चा दर्पण देखा
श्‍यामशरण का नर्तन देखा

बेटा मेरा भाग्‍य बली है
अप्‍पदीप तू महाबली है'
"

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 440

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 6, 2013 at 11:15am

कल्पना की सुन्दर उड़ान कर रची रचना सन्देश परक है, हार्दिक बधाई भाई श्री राजेश कुमार झा जी 

Comment by श्रीराम on March 5, 2013 at 9:42pm

sundar....

Comment by ram shiromani pathak on March 5, 2013 at 8:36pm
ज्ञान धाम श्रीमंत पहनता
छोटा-बड़ा हर संत पहनता

गांव का ठेकेदार पहनता
एक नहीं दो-चार पहनता'

अश्रूपूर्ण दो नयन पोंछकर
बोला राजू तनिक क्षोभकर

'बाबा काहे जिया जलाते
जले बदन में आग लगाते

मेरे दुर्दिन बड़े भले हैं
बड़े भाग्‍य से मुझे मिले हैं

मैं निर्झर का बहता पानी
मुझे यही कहती थी नानी

इस नग से मैं नाग बनूंगा
अपने कुल का दाग बनूंगा

 

बहोत ही बढ़िया भाई जी ............

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक जी , मेरी रचना  में जो गलतियाँ इंगित की गईं थीं उन्हे सुधारने का प्रयास किया…"
5 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
12 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
13 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
13 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
13 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
14 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी छंदों पर उपस्थित और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार "
14 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छंदों की  प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार "
14 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय मयंक कुमार जी"
14 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
" छंदों की प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
14 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    गाँवों का यह दृश्य, आम है बिलकुल इतना। आज  शहर  बिन भीड़, लगे है सूना…"
14 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी,आपकी टिप्पणी और प्रतिक्रिया उत्साह वर्धक है, मेरा प्रयास सफल हुआ। हार्दिक धन्यवाद…"
15 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service