For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चारपाई पर लेटे लेटे ,
ख्याली पुलाव पका रहा था !
सुन्दर अभिनेत्री के साथ ,
झील में नहा रहा था !!

इशारा किया पास आओ ,
इतने में शर्मा गयी!
उसकी यह चंचल अदा
मुझे और भी भा गयी !!

चारपाई पर लेटने वाला ,
पहुच चुका था महल में !
बच्चे की तरह दुलार रही ,
छिपाकर अपने आंचल में !!

मुझे क्या पता था ,
स्वप्न देख रहा हूँ !
साबुन के गुब्बारे को ,
हाथ से लपेट रहा हूँ !!

भव्य था वह कमरा,
कोमल बिस्तर चादरें मखमल !
नींद मेरी तब टूटी ,
जब काटा मुझे खटमल !!


राम शिरोमणि पाठक "दीपक"
मौलिक /अप्रकाशित

Views: 783

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Akhand Gahmari on December 2, 2013 at 6:02pm

भगवान आप की मंशा जल्‍दी पूर्ण करे

Comment by ram shiromani pathak on April 2, 2013 at 12:16pm

आदरणीय अजय जी हार्दिक आभार ...........सादर  

Comment by ram shiromani pathak on April 2, 2013 at 12:15pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी आपको हँसाने में सफल हुआ तो लिखना सफल हुआ ,रही बात इस रचना की जब मैंने इसे लिखा था उन दिनों मेरी उम्र कुछ १८ १९ साल रही होगी !!!हार्दिक आभार ...........सादर  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 2, 2013 at 11:58am
हाहाहा कविता ने अंत में चौंका दिया हँसी का फव्वारा छूट पड़ा बहुत- बहुत बधाई बड़े रंगीन सपने देखते हो ,कोई बात नहीं     देखो देखो 
Comment by Dr.Ajay Khare on April 2, 2013 at 11:42am

Pathak ji hasya ka bhav umda tha badhai

Comment by बृजेश नीरज on April 1, 2013 at 5:39pm

शायद खटमल को यह पता नहीं रहा होगा कि आप इस समय स्वप्न में खोए हैं। खटमल सपने देखता नहीं इसलिए सपने का मोल क्या जाने। ईश्वन करे आपका सपना एक दिन सच हो जाए और वहां खटमल न आए।

Comment by ram shiromani pathak on April 1, 2013 at 4:23pm

coontee mukerji ji hardik aabhar.......

Comment by ram shiromani pathak on April 1, 2013 at 4:22pm

भाई आशीष जी  हार्दिक आभार ...........सादर  

Comment by ram shiromani pathak on April 1, 2013 at 4:21pm

आदरणीय लक्ष्मण  सर आदरणीय विजय सर हार्दिक आभार ...........सादर  

Comment by ram shiromani pathak on April 1, 2013 at 4:20pm

आदरणीय सौरभ सर आदरणीया प्राची मैम यह रचना मैंने तीन साल पहले लिखी थी ...उस समय इतना ज्ञान नहीं  था क्या लिख रहा हूँ  और क्यों सायद प्रारम्भ से कुछ दूसरी या तीसरी कविता ....आप सब को अच्छी लगी तो लिखना सफल हुआ ..प्रणाम सहित हार्दिक आभार 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service