For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बेटी के शव पर.....तोटक छंद

बिटिया कछु बोलत नाहि कहौ
चुपचाप पडी कहती न सुनौ
यह तात पुकारत है तुम्ह को
अब धाय उठो उठ धाय चलौ

-----------

रखिया न भुला कहता बिरना
बतिया यह मोरि सुनो बहना
'छुटकी' नहि तोर सहाय भयो
अब धाय उठो उठ धाय चलो
---------
सखियाँ सब खेलन चाह रही
खटिया पर मात कराह रही
यह बात सुनौ नहि देर करौ
अब धाय उठो उठ धाय चलौ
------
बस एक सवाल बसै मन मे
क्यस भूल भयी यह जीवन मे
भगवान कहाँ हम चूक गये
नहि धाय उठे नहि धाय चले
-------

मौलिक अप्रकाशित

Views: 1041

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 14, 2013 at 5:18pm

आदरणीय मनोज जी 

भाव पूर्ण अभिव्यक्ति हेतु बधाई 

सादर 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 14, 2013 at 4:28pm

आ0 मनोज जी, अतिसुन्दर। बधाई स्वीकारें।

Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on April 14, 2013 at 2:39pm
भाई मनोज जी! बहुत मार्मिक रचना है। सच बेटी ही नहीं किसी की भी मृत्यु हो दुखी कर जाती है।;(;(;(
पिता की पीड़ा को बखूबी चित्रित करने लिये हार्दिक बधाई।
लेकिन छंद के शिल्प पर थोड़ा और कार्य करना पड़ेगा।यथा तुकान्त की समस्या है।
साथ ही इन पंक्तयों पर पुन: गौर करें-
//यह बाप पुकारत है तुम्ह को//
//वह भाय निहारत है बहना//
Comment by ram shiromani pathak on April 14, 2013 at 1:50pm

नहि डोलत बोलत हो कछु भी
कब से तुम सोय रही घर मा
लडता तुम से हर रोज यही
वह भाय निहारत है बहना//मार्मिक

बड़े सुन्दर भाव आदरणीय हार्दिक बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
22 minutes ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service