For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दुनिया की सबसे प्यारी माँ के लिए

माँ

मुझे वो दिन याद है 
जब तू मुझे गोदी में लेकर,
बैठी रहती थी रात रात भर,
कि मुझे नींद आ जाए|
पर तू सारी रात जागकर 
सूरज उगने से पहले 
लग जाती थी घर संवारने में|
मुझे वो दिन याद हैं 
जब तू मेरे स्कूल से वापिस आने तक 
नहीं खाती थी खाना 
मुझे खिलाने से पहले|
फिर जो मैं नहीं खाती थी,
वही खा लेती थी   
तू ख़ुशी से|
मुझे वो दिन याद है 
जब मुझे अकेले छोड़ कर
कहीं भी बाहर 
नहीं जाती थी कभी|
अपनी चिंता किये बिना
मेरा साथ देती थी 
तू सदा|   
मेरे जीवन का हर एक पल
सजीला है तेरी ममता से
कभी अहसान नहीं जताया
सीख मिली तेरी नम्रता से|
मैं भी तेरे जैसी बन सकुं 
यही एक आस है, अहसास है  
कि तू मेरे पास है|
अब तेरे वही मजबूत हाथ
कांपते हैं उम्र से 
पर मेरे सर पर आज भी
तेरा आशीष है|
मेरे हाथ सदा पकड़े रखना 
सही रास्ता दिखाने की 
तुमसे अरदास है|
तुम्हारे चेहरे की ये झुर्रियां
दिखाती हैं तुम्हारा वही सौन्दर्य 
जिससे मिला मुझे तेरा रूप 
अच्छा या बुरा, पर सर्वोत्तम|
अब भी तुम पर आश्रित हूँ
तुम्हारी जिंदगी के 
अनुभव की दरकार है|
दुनिया की सबसे प्यारी माँ के लिए
मौलिक एवं अप्रकाशित 
उषा तनेजा 

Views: 753

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on November 18, 2013 at 9:03am

माँ के प्रति कोमल भावनाओं की अति सुन्दर प्रस्तुति।

न जाने कैसे यह सुन्दर रचना पढ़ने से रह गई थी।

आपको बधाई आदरणीया उषा जी।

 

सादर,

विजय निकोर

Comment by राज लाली बटाला on May 15, 2013 at 7:30pm

Bahut khoob !

Comment by Usha Taneja on May 10, 2013 at 5:02pm

आदरणीय बृजेश कुमार सिंह जी, माँ के प्रति सम्मान की भावना...

हार्दिक आभार. 

Comment by Usha Taneja on May 10, 2013 at 4:59pm

आदरणीय  seema agrawal जी, रचना को स्नेह देने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

Comment by Usha Taneja on May 10, 2013 at 4:56pm

आदरणीय  Ashok Kumar Raktale जी, आप भावनाओं को दिल से अनुभव करते हैं, इसके लिए मैं आपके सहयोग को कभी भूल नहीं सकती. ऐसी रचनाओं में मन में उठते स्वाभाविक भावों को मैं शब्द दे देती हूँ और काव्यात्मक छंदों की तरफ ध्यान देने लगती हूँ तो भावों की स्वाभाविकता कम होने लगती है. आप क्या सुझाव देंगें?

Comment by Usha Taneja on May 10, 2013 at 4:49pm

आदरणीय  Saurabh Pandey जी, आपने अति उत्तम शब्दों से रचना को सराहा, तहे दिल से आभारी हूँ. अगर आप इसे सुधारने के लिए सुझाव देंगें तो मुझे और भी अच्छा लगेगा. धन्यवाद.

Comment by Usha Taneja on May 10, 2013 at 4:45pm

आदरणीय  manoj shukla जी, आपने रचना को प्रोत्साहन दिया. आपका हार्दिक धन्यवाद.  

Comment by Usha Taneja on May 10, 2013 at 4:42pm

आदरणीय  Kewal Prasad जी, रचना में भावों की स्नेहिल अनुभूति के लिए तहे दिल से आभार.

Comment by बृजेश नीरज on May 10, 2013 at 1:34pm

मां को नमन! बधाई आपको!

Comment by seema agrawal on May 9, 2013 at 8:04pm

माँ के प्रति सच्ची भावनाओं की तस्वीर जैसी लगी आपकी रचना ......बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"अनुज बृजेश , आपका चुनाव अच्छा है , वैसे चुनने का अधिकार  तुम्हारा ही है , फिर भी आपके चुनाव से…"
10 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"एक अँधेरा लाख सितारे एक निराशा लाख सहारे....इंदीवर साहब का लिखा हुआ ये गीत मेरा पसंदीदा है...और…"
10 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"//मलाई हमेशा दूध से ऊपर एक अलग तह बन के रहती है// मगर.. मलाई अपने आप कभी दूध से अलग नहीं होती, जैसे…"
13 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय जज़्बातों से लबरेज़ अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। मतले पर अच्छी चर्चा हो रही…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 179 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"बिरह में किस को बताएं उदास हैं कितने किसे जगा के सुनाएं उदास हैं कितने सादर "
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"सादर नमन सर "
yesterday
Mayank Kumar Dwivedi updated their profile
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब.दूध और मलाई दिखने को साथ दीखते हैं लेकिन मलाई हमेशा दूध से ऊपर एक…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. लक्षमण धामी जी "
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय, बृजेश कुमार 'ब्रज' जी, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से…"
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, एक साँस में पढ़ने लायक़ उम्दा ग़ज़ल हुई है, मुबारकबाद। सभी…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service