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तुम्हारे नाम की ऐसी हंसी एक शाम कर देंगें .
रहोगे बेखबर कैसे तुम्हें बदनाम कर देंगें .
मोहब्बत में दिलों को हारने वाले बहुत होंगे .
मगर दिल चीज़ क्या हम ज़िन्दगी तेरे नाम कर देंगें .
तेरा दावा है तेरा संग दिल हरगिज़ ना पिघलेगा .
हमारी जिद्द है की एक दिन तुम्हें गुलफाम कर देंगे .
सुना है प्यार से मेरा नाम लेतो हो अकेले में .
यकीं होता नहीं की आप भी ये काम कर देंगें .
वफ़ा मापतपुरी मिलती है अब ग़ज़लों में शेरों में .
मगर हम बेवफा कैसे तुम्हें ऐलान कर देंगें .
गीतकार -सतीश मापतपुरी
मोबाइल -9334414611

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Comment

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Comment by Babita Gupta on May 19, 2010 at 12:26pm
Bahut badhiya aur sunder rachna, sadar aabhar,
Comment by aleem azmi on May 16, 2010 at 4:39pm
waah satish saheb bahut umda ghzal aapki ....ati uttam
Comment by asha pandey ojha on May 16, 2010 at 2:16pm
मोहब्बत में दिलों को हारने वाले बहुत होंगे .
मगर दिल चीज़ क्या हम ज़िन्दगी तेरे नाम कर देंगें .
तेरा दावा है तेरा संग दिल हरगिज़ ना पिघलेगा .
हमारी जिद्द है की एक दिन तुम्हें गुलफाम कर देंगे Shatish ji bahut khoob ..njakat < nfasat < muhobbat < W ibatak ka khoobsurat sangam lga aap kee gzal me ..kamal..!

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 15, 2010 at 8:48am
वफ़ा मापतपुरी मिलती है अब ग़ज़लों में शेरों में .
मगर हम बेवफा कैसे तुम्हें ऐलान कर देंगें

सतीश भाई बहुत खूब, बहुत बढ़िया ग़ज़ल लिखे है, आप आल राउंडर है भाई, गीत ग़ज़ल कविता सबमे माहिर है, बढ़िया पर्यास है ,धन्यवाद
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on May 14, 2010 at 8:58pm
मोहब्बत में दिलों को हारने वाले बहुत होंगे .
मगर दिल चीज़ क्या हम ज़िन्दगी तेरे नाम कर देंगें .
bahut hi badhiya hai satish jee..........
Comment by Admin on May 14, 2010 at 5:10pm
तुम्हारे नाम की ऐसी हंसी एक शाम कर देंगें .
रहोगे बेखबर कैसे तुम्हें बदनाम कर देंगें .

बहुत बढ़िया मापतपुरी जी , बढ़िया अभिव्यक्ति है, पर मोहबत मे बदनाम करना अच्छी बात नहीं है , हा हा हा हा हा , अच्छी रचना है , धन्यवाद,

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