For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गज़ल - तेरे मालिक से तो तेरा तलबगार अच्छा है

मांगने वाले से छीनने वाला हकदार अच्छा है 

हाल तो पूछ ही लिया चलो बीमार अच्छा है 

आज बोलता कुछ है कल कुछ और करता है 

शहर के सभी लोगों में तो कलाकार अच्छा है 

बड़ी आसानी से छुपा लेता वो दिल का ग़म 

लगता है महफिल का वो अदाकार अच्छा है 

बिन पाये दीवाना हूँ तो पाकर मर ही गया होता 

तेरे मालिक से तो तेरा तलबगार अच्छा है 

Views: 581

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by वीनस केसरी on June 4, 2013 at 9:15pm

बड़ी आसानी से छुपा लेता वो दिल का ग़म 

लगता है महफिल का वो अदाकार अच्छा है 

बिन पाये दीवाना हूँ तो पाकर मर ही गया होता 

तेरे मालिक से तो तेरा तलबगार अच्छा है 

 

सुन्दर प्रयास है 
भविष्य के लिए शुभकामनाएं 

Comment by Yogendra Singh on June 3, 2013 at 10:12pm

अमन जी बहुत बहुत धन्यवाद 

Comment by Yogendra Singh on June 3, 2013 at 10:12pm

जितेंद्र जी आपका तहे दिल से शुक्रिया ।  

Comment by Yogendra Singh on June 3, 2013 at 10:12pm

बृजेश ही बहुत बहुत आभार 

Comment by Yogendra Singh on June 3, 2013 at 10:11pm

अनंत जी बहुत बहुत शुक्रिया 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 2, 2013 at 11:56am
आदरणीय..योगेन्द्र जी, "आज बोलता कुछ है कल कुछ ओर करता है, शहर के सभी लोगों मे तो कलाकार अच्छा है "...बहुत ही उम्दा गज़ल, बहुत खूब..योगेन्द्र जी...शुभकामनायें
Comment by aman kumar on June 2, 2013 at 11:38am

बड़ी आसानी से छुपा लेता वो दिल का ग़म 

लगता है महफिल का वो अदाकार अच्छा है

मेरी ओर से बधाई!

Comment by बृजेश नीरज on June 2, 2013 at 9:08am

आपको इस सुंदर प्रयास पर मेरी ओर से बधाई!

Comment by अरुन 'अनन्त' on June 1, 2013 at 10:32pm

योगेन्द्र जी प्रयास बहुत ही सुन्दर बन पड़ा है, मेरी ओर से हार्दिक बधाई स्वीकारें. मित्रवर संदीप जी से सहमत हूँ एक अशआर और जोड़ दें.

Comment by Yogendra Singh on May 31, 2013 at 11:29pm

नीरज जी आपका आभार है 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय नीलेश भाई,  आपकी इस प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद और कामयाब अश'आर पर…"
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. शिज्जू भाई "
11 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,आपको धुआ स्वीकार नहीं हैं तो यह आपका मसअला है. मैंने धुआँ क़ाफ़िया  प्रयोग में…"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल के फीचर किए जाने की हार्दिक बधाई।"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह, आदरणीय हरिओम जी, वाह।  आप कुण्डलिया छंद के निष्णात हैं। आपके सहभागिता के लिए हार्दिक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  आपकी छंद रचना और सहभागिता के लिए धन्यवाद।  योगी जन सब योग को,…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"छंदों की प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय अशोक जी"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रदत्त चित्र को छंद-छंद परिभाषित किया है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक  भाईजी  छंदों की प्रशंसा और प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार योग के लाभ बताते सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  छंदों की प्रशंसा और सुझाव के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। "
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्र पर आपने सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं.…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service