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कल सुना मैंने
तालाब किनारे
दो मछलियों को
बात करते हुए -

"वो शरीफ़
न्यायसंगत,
सज्जनता से परिपूर्ण है
आ गयी अगर
हमारे तालाब में
तो कर देगी
दूषित तालाब हमारा
क्योंकि मम्मी कहती है
एक अच्छी मछली
पूरे तालाब को गन्दा कर देती है "

सुमित  नैथानी 

मौलिक व अप्रकाशित 

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Comment by ram shiromani pathak on June 19, 2013 at 9:41pm

ये भी सही //सुन्दर बधाई हो 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 19, 2013 at 8:07pm
शानदार..रचना, ......शुभकामनाऐं
Comment by Sumit Naithani on June 19, 2013 at 6:28pm

जवाहर जी शुक्रिया ....देहरादून में अब बारिश रुक चुकी है....अपनी तो अर्जी है, बाकी उसकी (भगवान ) मर्ज़ी है 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on June 19, 2013 at 6:16pm

निराला अंदाज!..... देहरादून का क्या हाल है!

Comment by Sumit Naithani on June 19, 2013 at 5:35pm

coontee mukerji ji शुक्रिया

Comment by coontee mukerji on June 19, 2013 at 4:30pm

वाह  ! क्या कहने है .........सुमीत जी . सादर / कुंती .

Comment by Sumit Naithani on June 19, 2013 at 3:30pm

 Shyam Narain Verma ji shukriya ....

Comment by Shyam Narain Verma on June 19, 2013 at 3:21pm

जी , आपका व्यंग अच्छा है |

Comment by Sumit Naithani on June 19, 2013 at 3:01pm

वीनस केसरी जी शुक्रिया ........

Comment by वीनस केसरी on June 19, 2013 at 2:16pm

क्या कहने भाई 
शानदार तंजिया बयान है ...

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