आज हर ओर खुदी है सड़क
खड्डों मिट्टी की है भरमार
क्योंकि चुनाव को रह गया है एक साल
इसलिए हरेक नेता जी को
सड़क अब टूटी नज़र आने लगी है
अपनी बेरूख़ी जनता अब भाने लगी है
अब सफाई वाला ,कूड़ा उठाने वाला हाज़िरी लगाने लगे हैं
जो कभी दीवाली,लोहड़ी,होली पर बस बक्शिश लेने आते थे
सारा दिन पार्क के पास बैठे सुस्ताते थे
वहीं होती हाज़िरी,चाय और पानी
बिना कामके ही बेबाक जिंदगानी
अब प्यारी जनता का दर्द भी सुना जाएगा
क्योंकि चुनाव में नेता जी को इनके द्वारा ही चुना जाएगा
सब वादे आख़िरी छ: महीनों में पूरे किए जाएँगे
नेता जी अब मासूम जनता के लिए धक्के खाएँगे
रेडियो पर रोज सरकार की उपलब्धियां सुनाई जाती हैं
हर रोज नई नई योजनाएं बनाई जाती हैं
जो होंगी अभी के अभी क्रियान्वित सारी
क्योंकि अब है जनता से वोट लेने की बारी
भोली जनता फिर से सब मंहगाई भूल जाएगी
क्योंकि उनकी हर कोशिश अब टीवी पर सराही जाएगी
है चेतावनी मत भूलना ,किस तरह गुजरे हैं पांच साल
नहीं तो फिरसे हो जाओगे पांच साल के लिए बेहाल
मंहगाई घोटाले आसानी से भूल मत जाना
यही समय है अगर है इनको सबक सिखाना
वोट देना सोच समझ कर ए प्यारो
अपने वोट को यूँ व्यर्थ न गंवाना यारो
....मौलिक व अप्रकाशित ....
Comment
ravikar ji namskaar ,shukriya sir
hardik abhaar arun ,sneh banaye rakhen
सुन्दर रचना आदरणीया सरिता जी,हार्दिक बधाई स्वीकारें///////
नेताओं की कारस्तानी पर. सुन्दर रचना हार्दिक बधाई स्वीकारें................
बहुत बहुत बधाई आदरणीया-
सार्थक सोच से लिखी रचना , पर
वोट देना सोच समझ कर ए प्यारो
अपने वोट को यूँ व्यर्थ न गंवाना यारो !
भारत मे विकृत लोकतंत्र है यहा सब जाति , नारे , धर्म, .................................१ जैसी चीजों पर वोट देते है| और अब ५०% अब वोट देते ही नही !
आभार !
आदरणीया सरिता जी सत्य सटीक, यथार्थ का सुन्दर चित्रण, अच्छा व्यंग कसा है आपने नेताओं की कारस्तानी पर. सुन्दर रचना हार्दिक बधाई स्वीकारें.
बसंत नेमा जी शुक्रिया इस हौंसला अफ्साई के लिए
shalini rastogi जी शुक्रिया
बहुत खूब सरिता जी .. देश की स्थिति का बहुत यथार्थवादी चित्रण किया है आपकी रचना ने ... बधाई
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