रिश्ता....
ख्वाब नहीं है
ये मेरा ख्याल नहीं है
ये तेरा सवाल नहीं है
रिश्ता .....
किसी के लिए चाँद है
किसी के लिए ख्वाब है
तो किसी के लिए कसक है
किसी के लिए महक है
रिश्ता ....
बहता पानी है
मानो तो अमृत है
न मानो तो बहता पानी है
रिश्ता ....
रेत है
जितना पकड़ो
सरकता जाता है
रिश्ता तो रिसता है
रिश्ता .....
खून का हो
या हो तेरा, या हो मेरा
रिश्ता तो रिसता है ....
"मौलिक व अप्रकाशित"
Comment
रिश्ता .....
खून का हो
या हो तेरा, या हो मेरा
रिश्ता तो रिसता है .... बढ़िया
बहुत बहुत आभार आदरणीय बब्बन सर.....
Rishton ki kahani bayan karne ke liye bahut-bahut badhai Amod ji...bahut hi sundar rachna
आदरणीय जितेंद्र जी बहुत बहुत आभार .... आपके प्रोत्साहन के लिए॥
आदरणीय बसंत नेमा जी आभार ....
आदरणीय रामकुमार नेमा जी बहुत खूब रचना ... धन्यवाद ...
आदरणीय श्याम नारायन वर्मा जी... धन्यवाद ... ।
आदरणीय विजय मिश्र जी ॥ आभार ॥ बहुत बहुत ......
आदरणीय मुकर्जी जी मे धन्य हुआ आपके प्रोत्साहन से ...
आदरणीया गीतिका वेदिका जी आभार... आपकी टिप्पड़ी का ... मे अभिभूत हुआ ...
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