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आदरणीय अभिनव अरुण जी!
आपका गज़ल के प्रति यह सकारात्मक रुख, और लेखन के लिए प्रेरित करेगा!
सादर !!
मुकम्मल ग़ज़ल हर शेर बोलता सा है जिंदाबाद लहजा क्या कहने वाह वाह -
swagat hai
आपका बहुत बहुत शुक्रिया वीनस जी!
आपका गजल पे आना हुआ, आपने गजल को देखा, परखा और तारीफ करी, मेरे लिए बहुत बहुत सौभाग्य की बात है।
आपकी आभारी हूँ!!
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वाह वा बहुत शानदार अशआर हुए हैं
एक से बढ़ कर एक
आपने तो ग़ज़ल को इतने कम समय में समझ और अपना लिया है कि हैरत होती है .... खूब दाद ..
शुक्रिया आदरणीय शौर्य जी!
ओ बी ओ में आपका स्वागत है!
bahut sunder gajal, abhar
प्रिय महिमा जी!
गजल पर आपकी शुभकामनाये पा कर अत्यंत हर्ष हुआ!
सस्नेह वेदिका!!
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