For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल : न गाँधी से न मोदी से न खाकी से न खादी से

बह्र : १२२२ १२२२ १२२२ १२२२

--------

न गाँधी से न मोदी से न खाकी से न खादी से

वतन की भूख मिटती है तो होरी की किसानी से

 

ये फल दागी हैं मैं बोला तो फलवाले का उत्तर था

मियाँ इस देश में सरकार तक चलती है दागी से

 

ख़ुदा के नाम पर जो जान देगा स्वर्ग जायेगा

ये सुनकर मार दो जल्दी कहा सबने शिकारी से

 

ये रेखा है गरीबी की जहाजों से नहीं दिखती

जमीं पर देख लोगे पूछकर अंधे भिखारी से

 

चुने जिसको, सहे उसके सितम चुपचाप ये ‘सज्जन’

जमाने तंग आया मैं तेरी आशिक मिजाजी से

---------

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 1003

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on August 20, 2013 at 7:23pm

ऐसा ही कुछ करना पड़ेगा पियूष जी, सुझाव के लिए बहुत बहुत धन्यवाद

Comment by पीयूष द्विवेदी भारत on August 20, 2013 at 3:22pm

यहाँ गाँधी का अर्थ राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी, सोनिया गाँधी यानि गाँधी परिवार से है।

आदरणीय धर्मेन्द्र जी, आपकी बात ठीक है, पर आप मानिए कि प्रथम द्रष्टया ये मतला देखने पर ख्याल गांधी जी का ही आता है ! आप चाहें तो इसे ऐसे कर सकते हैं, "न राहुल से न मोदी से न खाकी से न खादी से"...सादर !

अनुमोदन के लिए शुक्रिया, वीनस भाई जी !

Comment by वीनस केसरी on August 19, 2013 at 11:50pm

पियुष द्विवेदी 'भारत' जी की बात में दम है 

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on August 19, 2013 at 11:28pm

यहाँ गाँधी का अर्थ राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी, सोनिया गाँधी यानि गाँधी परिवार से है। महात्मा गाँधी के बारे में यदि बात होती तो मैंने ‘गाँधी जी’ लिखा होता। अपनी बात रखने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया पियुष द्विवेदी जी। इसमें अशिष्ट कुछ भी नहीं है। प्रकाशन के बाद हर पाठक को रचना पर अपना मत व्यक्त करने का अधिकार होता है। स्नेह बनाये रखें।

Comment by पीयूष द्विवेदी भारत on August 19, 2013 at 1:45pm

गज़ल के लिए बधाई के साथ कहूँगा कि मतले से 'गांधी' हटा दीजिए भाई जी ! 'गांधी' का नाम मोदी या आज के किसी भी नेता के साथ बिलकुल उचित नही है ! आपका मतला अप्रत्यक्ष रूप से गांधी और मोदी में तुलनात्मकता पैदा कर रहा है ! आशा है मै स्पष्ट कर पाया ! कुछ अशिष्ट लगे तो क्षमा ! सादर !

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on August 17, 2013 at 10:05pm

बहुत बहुत धन्यवाद Sarita Bhatia जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on August 17, 2013 at 10:04pm

तह-ए-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ MAHIMA SHREE जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on August 17, 2013 at 10:03pm

बहुत बहुत शुक्रिया  वीनस जी। आप के शब्द महत्वपूर्ण हैं।

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on August 17, 2013 at 10:02pm

बहुत बहुत धन्यवाद Kewal Prasad जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on August 17, 2013 at 2:15pm

तह-ए-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ  Abhinav Arun जी, कि आपकी पारख़ी नज़रों को ग़ज़ल पसंद आई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
58 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी प्रदत्त विषय पर आपने बहुत सुंदर रचना प्रस्तुत की है। इस प्रस्तुति हेतु…"
7 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी, अति सुंदर रचना के लिए बधाई स्वीकार करें।"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"गीत ____ सर्वप्रथम सिरजन अनुक्रम में, संसृति ने पृथ्वी पुष्पित की। रचना अनुपम,  धन्य धरा…"
12 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ पांडेय जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"वाह !  आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त विषय पर आपने भावभीनी रचना प्रस्तुत की है.  हार्दिक बधाई…"
16 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ पर गीत जग में माँ से बढ़ कर प्यारा कोई नाम नही। उसकी सेवा जैसा जग में कोई काम नहीं। माँ की…"
18 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय धर्मेन्द्र भाई, आपसे एक अरसे बाद संवाद की दशा बन रही है. इसकी अपार खुशी तो है ही, आपके…"
yesterday
धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

शोक-संदेश (कविता)

अथाह दुःख और गहरी वेदना के साथ आप सबको यह सूचित करना पड़ रहा है कि आज हमारे बीच वह नहीं रहे जिन्हें…See More
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service